डीआईओएस के ऊपर है भ्रष्टाचार के कई आरोप,इसके बावजूद प्रशासन और शासन सुस्त
न्यूज़ जंगल नेटवर्क, कानपुर : शहर के विद्यालय निरीक्षक सतीश तिवारी बीते पांच सालों से कुर्सी पर बने हुए है। शासनादेशों के अनुसार तीन साल के कार्यकाल के दौरान उनका ट्रांसफर हो जाना चाहिए था। लेकिन अपनी पहुंच और मंत्रालय में पहुंच के चलते पिछले पांच सालों से उनका तबादला टलता चला आ रहा है। सतीश ने अपनी कुर्सी की धमक दिखाकर कई वित्तीय अनियमितताओं की है। इन्हीं बातों को लेकर गवर्नर आनंदी बेन पटेल की तरफ से एक बयान जारी किया गया जिसमें इस पूरे मुद्दे की जांच करने की बात कही गई है। पंडित दीनदयाल माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ प्रमोद मिश्रा ने मुख्यमंत्री शिकायत प्रकोष्ठ में सीएम के नाम शिकायती पत्र लिख डीआईओएस की शिकायत की थी, उसके बाद भी जब कुछ नहीं हुआ तो उन्होंने गवर्नर से इसकी शिकायत कर जाँच की मांग की।
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पैसे की हेराफेरी के चलते हुई शिकायत…
डॉ मिश्रा से मिली जानकारी के अनुसार, शिकायती पत्र में डीआईओएस को हटाकर इनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने को लिखा गया है। शिकायती पत्र जो भी सीएम और गवर्नर को लिखे है उनमें साफ़ तौर पर कहा गया है कि डीआईओएस ने अपने पद का दुरुपयोग कर यह विभाग में पैसे की हेराफेरी करते रहे है। श्री मुनि इंटर कॉलेज, डीएमयू और हर सहाय इंटर कॉलेज में हुए घोटाले में भी इनका हाथ है। बताया कि डीआईओएस शासन में एक अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी को अपना रिश्तेदार बताकर रौब गांठते हैं। इनके द्वारा किए गए सभी घोटालों की जांच होनी चाहिए। ऐसे अधिकारी आपके ईमानदार सीएम होने की छवि को बिगाड़ रहे हैं।