मंत्री जी ने कहा कि15 साल की डोनर के बारे में सबको जानना चाहिए?

0

न्यूज जंगल डेस्क कानपुर : बिहार में हाल ही में 15 साल की एक लड़की सड़क हादसे का शिकार हो गई थी. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. चौंकाने वाली बात ये है कि लड़की की मौत के बाद उसके शरीर के अंगों से 6 लोगों को नई जिंदगी मिली है. और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इस लड़की के बारे में जानने के लिए प्रेरित किया. मंडाविया ने इसके साथ ही ABVIMS, और आरएमएल अस्पताल के डॉक्टरों को सफल हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए शुभकामनाएं भी दिया हैं.

बिहार के लखीसराय की 15 साल की बसु का बताया जा रहा है. 15 अगस्त के दिन उसका एक्सीडेंट हो गया था. चंडीगढ़ के अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाए. बासु का ब्रेन डेड हो गया और उसे मृत घोषित कर दिया गया. ब्रेन डेड होने पर भी डॉक्टरों ने उसके बाकी अंगों को वेंटिलेटर की मदद से चलाए रखा. है उसके शरीर के छह अंगों ने छह अलग-अलग लोगों को नई जिंदगी दी है.

बसु का दिल अब 32 साल की लक्ष्मी देवी के अंदर धड़क रहा है, जो बिहार के ही भागलपुर जिले की रहने वाली हैं. लक्ष्मी देवी का दिल बच्चे को जन्म देने के दौरान टर्मिनल फेल्योर की स्थिति से गुजरा था, जिस कारण पिछले 7-8 साल से उनकी हालत खराब थी. दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के कार्डियलॉजिस्ट डॉ. रंजीत नाथ और डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने उनका हार्ट ट्रांसप्लांट किया.

मनसुख मंडाविया ने ट्वीट किया, कि ‘मैं 15 साल की डोनर से बहुत जुड़ाव महसूस कर रहा हूं, जिसने अपनी मौत के बाद 6 लोगों को जिदंगी दी है. 32 साल की लक्ष्मी देवी को इस लड़की का दिल मिला है. आरएमएल अस्पताल में हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ, जो सफल रहा है. इसके लिए डॉक्टरों को बधाई.’

मंडाविया ने आगे लिखा, “अंगदान सबसे अनमोल जीवन रक्षक उपहार है. निस्वार्थता, उदारता और करुणा का यह महान काम प्रेरणादायक है. यह कई लोगों को आगे आने के लिए प्रेरित करता है. ये अंगदान के मानवीय कारण को मजबूत करने और किसी के दिल की धड़कन का कारण बनने के लिए प्रेरित करेगा.”

रिपोर्ट के मुताबिक, 20 अगस्त को 15 साल की लड़की को ब्रेन डेड घोषित किया गया था. इसके बाद परिजनों ने दोनों किडनी, लिवर, पैंक्रियाज, दिल और कॉर्निया दान किया. यह सूचना मिलने पर आरएमएल अस्पताल के डॉक्टर कार से शाम को चंडीगढ़ पहुंचे. वहां दिल को सुरक्षित तरीके से निकालकर रात 8.30 बजे की फ्लाइट से वापस दिल्ली के लिए रवाना हुए. रात करीब 9:40 बजे डॉक्टर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने एयरपोर्ट से आरएमएल अस्पताल तक ग्रीन कारिडोर बनाकर एंबुलेंस से कम समय में दिल अस्पताल पहुंचाने में मदद की. रात करीब 10.20 बजे ट्रांसप्लांट के लिए सर्जरी शुरू हुई और रात 3 बजे सर्जरी पूरी हुई. इस ऑपरेशन को डॉ. विजय ग्रोवर ने लीड किया.

डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने एनेस्थीसिया व कार्डियोलोजी विभाग के डाक्टरों के साथ मिलकर सफल सर्जरी की. इस सर्जरी में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के डॉक्टरों ने भी मदद की. सर्जरी के बाद महिला की हालत स्थिर बनी हुई है. महिला फिलहाल आईसीयू में भर्ती है और डॉक्टर लगातार उसकी निगरानी कर रहे हैं. इस संबंध में कार्डियोथोरेसिक सर्जरी के प्रोफेसर डॉ. नरेंद्र सिंह झाझरिया का कहना है कि महिला पिछले कई माह से कार्डियोमायोपैथी बीमारी से पीड़ित थी। इस बीमारी के कारण महिला का दिल केवल 15 फीसदी ही काम कर रहा था.

यह भी पढ़े – अयोध्या: जानिए किस दिन गर्भगृह में विराजमान होंगे रामलला

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed