‘नथिंग ऑफिशियल एबाउट इट’

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महेश शर्मा
एनडीटीवी में गौतम आडाणी की हिस्सेदारी क्या हो गयी, जैसे प्याले में बहुत बड़ा तूफान उठ खड़ा हो गया हो। ये राजकाज हैं साधौ…ऐसे ही चलते रहेंगे। अब तक चैनलों का रुख आप भांप नहीं पाए क्या? दूसरी बात यहै कि एनडीटीवी जैसा है वैसे ही चलता रहेगा। क्या आप समझते हैं कि यह चैनल गरीबगुरबों का चैनल रहा है। कभी नहीं। एक रवीश कुमार के कारण इसकी छवि एंटी गवर्नमेंट वाली बनी थी। रवीश भी जनसरोकारों की पत्रकारिता निर्भीकता से करते थे। उनकी अपनी टीआरपी है। और वह बनी रहेगी। यह चैनल कभी भी सर्वहारा का चैनल नहीं था। बताते हैं कि अंबानी तक से तो लोन लिया गया था। ओसवाल की इसमें 14% हिस्सेदारी थी। अब अडानी समूह ने 29 परसेंट ले लिया है। तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ा। पूर देश जान गया है कि सारी दुनिया में कॉरपोरेट ही मीडिया को चलाता है। हां बीबीसी और पब्लिक ब्रॉडकास्टर को छोड़ दें तो सीएनएन, फ़ॉक्स, स्टार, स्काई सब। फालतू परेशान हो। कोई खास परिवर्तन नहीं होने वाला है। मतलब की चीज सुनों समझो, न नीक लगे तो आगे बढ़ा दो। चैनल किसी का भी हो रिमोट तो आपके हाथ में है न।


एनडीटीवी के 29.18 फीसदी शेयर अडानी कंपनी ने खरीद लिए हैं और 26% को बाजार में बिकने के लिए डाल दिया गया है। सीधा-सीधा खेला है कि 54 फीसदी शेयर अब प्रणय रॉय के स्वामित्व वाली एनडीटीवी के हाथ से निकलकर दूसरी कंपनियों के पास जा रहे हैं। यानी देरसबेर इनका वर्चस्व लगभग समाप्त होने वाला है। रवीश कुमार का क्या होगा? तो इसकी चिंता खुद रवीश कुमा ही करेंगे। उन्हें कोई चैनल फिलहाल लेता हुआ नहीं दिख रहा है। अब कारपोरेट घराने से संचालित होने वाले मीडिया हाउस में नियुक्तियां भी सरकार के इशारों पर की जाती है। यह दौर कांग्रेस के जमाने में भी था। अब थोड़ा तेज हो गया है। थोड़ा पीछे लौटों तो स्मरण होगा कि जब अंबानी ने आईबीएन (नेटवर्क 18) का टेकओवर किया था तो राजदीप सरदेसाई और आशुतोष तुरत फुरत निकल लिए थे। राजदीप ‘इंडिया टुडे’ में चले गए और आशुतोष पहले आम आदमी पार्टी की राजनीति में गए और आजकल अब ‘सत्य हिंदी’ चला रहे हैं। अजीत अंजुम, पुण्य प्रसून वाजपेयी, अभिसार शर्मा यूट्यूब चैनल चला रहे हैं। आप चाहे जितने तीस मार खां हों, अपनी शर्तों पर नौकरी नहीं कर सकते। कंपनी की पॉलिसी आड़े आएंगी ही। हमारे कानपुर में कहा जाता है कि गरज पड़े तो टेको वरना घंटाघर देखो। रवीश कुमार में फिलहाल इतनी कुव्वत नहीं है कि वे आचार्य बिनोबा भावे, जयप्रकाश नारायण बनने की राह पर चल पड़े।
अब थोड़ा ये भी पढ़ लीजिए। एएमजी मीडिया नेटवर्क लिमिटेड की कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (वीसीपीएल), ने एनडीटीवी की प्रमोटर ग्रुप कंपनी, आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के 99.5 फीसदी इक्विटी शेयरों के अधिग्रहण के अधिकारों का प्रयोग किया। यह सेबी के अधिग्रहण विनियमों के मुताबिक एनडीटीवी में 26 फीसदी तक हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक खुली पेशकश करेगा। एनडीटीवी के पास तीन प्रमुख नेशनल चैनल और एक मजबूत डिजिटल प्लेटफॉर्म है। यानी कमजोर नहीं हैं। कुछ तो मजबूरियां रहीं होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता। एएमएनएल अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) की 100 फीसदी सहायक कंपनी है। अहमदाबाद से 23 अगस्त 2022 को जारी विज्ञप्ति पढ़िए। एएमएनएल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, वीसीपीएल के पास, आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड (आरआरपीआर) का वारंट उपलब्ध है, जो उन्हें आरआरपीआर में 99.99 फीसदी हिस्सेदारी बदलने का अधिकार देती है। वीसीपीएल ने आरआरपीआर में 99.5 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए वारंट का प्रयोग किया है। इस अधिग्रहण के परिणामस्वरूप, वीसीपीएल आरआरपीआर का नियंत्रण हासिल कर लेगा।


आरआरपीआर एनडीटीवी (एनडीटीवी, बीएसई: 532529) की एक प्रमोटर ग्रुप कंपनी है और एनडीटीवी में 29.18 फीसदी हिस्सेदारी रखती है। वीसीपीएल, एएमएनएल और एईएल (कॉन्सर्ट एक्टिंग पर्सन्स) के साथ, सेबी (शेयरों और टेकओवर का पर्याप्त अधिग्रहण) के विनियम, 2011 की आवश्यकताओं के अनुपालन के अनुरूप, एनडीटीवी में 26 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक खुली पेशकश शुरू करेगा।
एनडीटीवी एक प्रमुख मीडिया हाउस है जिसने तीन दशकों से अधिक समय से विश्वसनीय समाचारों के वितरण का बीड़ा उठाया है। कंपनी तीन नेशनल न्यूज़ चैनल्स एनडीटीवी 24×7, एनडीटीवी इंडिया और एनडीटीवी प्रॉफिट संचालित करती है। इसकी एक मजबूत ऑनलाइन उपस्थिति भी है और विभिन्न प्लेटफार्मों पर 35 मिलियन से अधिक फॉलोवर्स के साथ सोशल मीडिया पर सबसे अधिक फॉलो किए जाने वाले न्यूज़ हैंडल्स में से एक है। एनडीटीवी ने 123 करोड़ रुपये के ईबीआईटीडीए के साथ 421 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और वित्त वर्ष 22 में नेग्लिजिबल डेब्ट के साथ 85 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया है।
एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड के सीईओ संजय पुगालिया ने कहा, “यह अधिग्रहण एएमएनएल के सभी प्लेटफॉर्म्स पर न्यू ऐज मीडिया का मार्ग प्रशस्त करने के लक्ष्य में जारी सफर के लिए एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन साबित होगा। एएमएनएल भारतीय नागरिकों, उपभोक्ताओं और भारत में रुचि रखने वालों को, सूचना व ज्ञान के साथ सशक्त बनाना चाहता है। समाचारों में अपनी लीडिंग पोजीशन और शैलियों एवं भौगोलिक क्षेत्रों में अपनी मजबूत व विविध पहुंच के साथ, एनडीटीवी हमारे दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए सबसे उपयुक्त प्रसारण और डिजिटल प्लेटफॉर्म है। हम समाचार वितरण में एनडीटीवी के नेतृत्व को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं।”
एएमजी मीडिया नेटवर्क लिमिटेड (एएमएनएल) के बारे में पढ़िए..
एएमएनएल, जो एईएल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और अदाणी ग्रुप का मीडिया बिज़नेस हाउस संभालती है। कंपनी को हाल ही में डिजिटल और ब्रॉडकास्ट सेगमेंट पर जोर देने के साथ, एक विश्वसनीय नेक्स्ट-जनरेशन मीडिया प्लेटफॉर्म की स्थापना के लिए शामिल किया गया था। वीसीपीएल, जिसे हाल ही में एएमएनएल द्वारा अधिग्रहित किया गया था, इसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के बारे में..
अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल), भारत के सबसे बड़े व्यापारिक संगठनों में से एक, अदाणी समूह की प्रमुख कंपनी है। इन वर्षों में, अदाणी एंटरप्राइजेज ने उभरते इंफ्रास्ट्रक्चर व्यवसायों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसने राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया है और उन्हें अलग-अलग सूचीबद्ध संस्थाओं में विभाजित किया है। अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड, अदाणी ट्रांसमिशन, अदाणी पावर, अदाणी ग्रीन एनर्जी, अदाणी टोटल गैस और अदाणी विल्मर जैसे यूनिकॉर्न का सफलतापूर्वक निर्माण करने के बाद, कंपनी ने मजबूत व्यवसायों के हमारे पोर्टफोलियो के साथ देश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
इसके रणनीतिक व्यापार निवेश की अगली पीढ़ी, ग्रीन हाइड्रोजन इकोसिस्टम, एयरपोर्ट मैनेजमेंट, रोड्स, डेटा सेण्टर और वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर के आसपास केंद्रित है, जिसमें वैल्यू अनलॉक करने के लिए महत्वपूर्ण गुंजाइश है। इससे हमारे शेयरधारकों को मजबूत रिटर्न मिला है। अडाणी एंटरप्राइजेज में 150 रु. निवेश, जो 1994 में समूह का पहला आईपीओ था, बढ़कर 900,000+ रु हो गया है।
मेरे विचार से सारी चीजे बिलकुल साफ हो चुकी होंगी। आप जैसे समाचार देखते सुनते पढ़ते हैं वैसे ही पढ़ते रहिए। पर थोड़ा सतर्क होकर। धारणा विश्लेषण के बाद बनाइए। ये रिप्लेसमेंट का प्रोसेस है चलता रहेगा। नथिंग ऑफिशियल एबाउट इट।

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।

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