अस्पतालों में होने वाली गतिविधि पर सरकार द्वारा रखी जाएगी नजर
न्यूज़ जंगल डेस्क : कानपुर मरीजों को इलाज, दवाएं और अन्य जांचों के लिए भटकना न पड़े इसके लिए सूबे के स्वास्थ्य मंत्री और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने विशेष कदम उठाए है। सूबे में पहली बार और शहर में पहली बार इन समस्यों के अलावा स्ट्रेचर और व्हील चेयर की समस्या, डॉक्टरों से मारपीट, तीमारदारों से अभद्रता समेत अन्य घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई के लिए विभाग नजर रखने की तैयारी में जुटा है। इसके लिए मंत्रालय में एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा जहां से इन अस्पतालों में होने वाली गतिविधि पर सीसीटीवी कैमरों द्वारा नजर रखी जाएगी। यह फैसला स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में लागू करने का फैसला किया है। इसमें शहर के डफरिन, उर्सला और कांशीराम अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
चंद सेकेंडों में मिलेगी जानकारी
इस अस्पतालों में होने वाली गतिविधियों की जानकारी जल्द से जल्द शहर के जनप्रतिनिधियों, पुलिस, प्रशासनिक और स्वास्थ्य अधिकारी को चंद सेकेंड में मिल सकेगी। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में होने वाली धांधली के बारे में निदेशक और प्रमुख अधीक्षकों से सवाल जवाब भी किये जा सकेंगे। यह तैयारी स्वास्थ्य विभाग की ओर चिकित्सीय सुविधाएं और सेवाओं को बेहतर करने के लिए की जा रही है।
स्वास्थ्य भवन में बनेगा कंट्रोल रूम
स्वास्थ्य भवन में कमांड सेंटर बन रहा है, जहां से सभी जिलों के अस्पतालों पर नजर रखी जाएगी। कमांड सेंटर से अस्पतालों के सीसीटीवी कैमरों को जोड़ा जाएगा। सरकारी अस्पतालों में अक्सर मरीज और तीमारदारों से डॉक्टर या अस्पताल कर्मी द्वारा की गई बदसलूकी की कई शिकायतें मिलती है, जबकि सरकार की ओर से स्वास्थ्य सेवाओं को वरियता दी जा रही है।
डिप्टी सीएम ने की पहल
आपको बता दें डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक आजकल स्वयं सरकारी अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर रहे है। वो कभी भी प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में ओपीडी के रजिस्ट्रेशन के लिए लाइन में लग जाते है तो कभी वार्ड में भर्ती रोगियों का हाल चाल जानते है। अभी पिछले दिनों शहर में भी उन्होंने उर्सला अस्पताल का निरीक्षण किया जहां उन्होंने मरीजों के हालचाल जानने के अलावा एक 7 साल के बच्चे का इलाज का खर्च भी वहन करने की बात कही। मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना काल में हुई मौतों के बाद सूबे के अस्पतालों को बेहतर करने पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में वहां की मॉनिटरिंग सबसे पहले की जाएगी। लखनऊ स्थित स्वास्थ्य भवन में कमांड सेंटर बन रहा है, जिससे सभी जिलों के सीसीटीवी कैमरों को जोड़ा जाएगा। सीसीटीवी कैमरों के डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) और नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर (एनवीआर) की रिपोर्ट मांगी गई है। इनके सॉफ्टवेयर को कमांड सेंटर से कनेक्ट किया जाएगा। यह वाईफाई सुविधा से भी लैस रहेंगे, जिससे अधिकारी मोबाइल पर अस्पताल का हाल जान सकेंगे।
सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ेगी
सीएमओ डॉ नेपाल सिंह ने बताया, अभी हाल ही में मंत्री जी ने शहर के जिला अस्पताल उर्सला का दौरा किया था। इस अस्पताल से उनके पास शिकायत भी गई थी। साथ ही आए दिन अस्पतालों में तीमारदारों और डॉक्टरों में झगड़ें भी होते रहते है। इन सब पर रोक के लिए सीसीटीवी लगाकर लखनऊ में इसका सेंटर बन रहा है। अस्पतालों में लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। वार्ड, ओपीडी काउंटर, डॉक्टर चेंबर, पैथोलॉजी, एक्स-रे, इमरजेंसी आदि के पास इंस्टॉल किया जाएगा। यह ऐसी जगह लगाए जाएंगे, जहां मरीजों की निजता भंग न हो सके।