बुलेट चलाकर मंडप में पहुंची दुल्हन,मेहमान रह गए हैरान

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 राजस्थान के कोटा संभाग के बारां जिले के छबड़ा कस्बे में हुई एक शादी इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है. इस शादी में दुल्हन फेरे लेने के लिए बुलेट मोटरसाइकिल चलाकर स्टेज तक पहुंची. दुल्हन के इस अल्ट्रा मॉर्डन रूप को देखकर शादी में मौजूद मेहमान हैरान रह गए ।

न्यूज जंगल नेशनल डेस्क : बदलते जमाने में लड़कियां भी लड़कों से कम नजर नहीं आ रही हैं । और समाज में लड़का और लड़की (Boy and Girl) के बीच भेदभाव मिटता नजर आ रहा है । इसके साथ ही अब रीति रिवाज भी बदलते नजर आ रहे हैं और ब्याह शादी अब केवल रीति रिवाजों में ही बंधकर नहीं रह गए हैं क्योकि एंजॉय और चर्चा में आने का साधन भी बन गए हैं । और ऐसी ही एक शादी राजस्थान के कोटा संभाग के बारां जिले में हुई है और जहां दुल्हन (Bride) फेरे लेने के लिए बुलट मोटरसाइकिल चलाकर मंडप में पहुंची थी । दुल्हन के इस रूप को देखकर शादी समारोह में मौजूद लोग हैरान रह गए थे ।

जानकारी के अनुसार यह शादी बारां जिले के छबड़ा में दो दिन पहले हुई है और इस शादी ने इलाके में खूब सुर्खियां बटोरी हैं. इस शादी के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहे हैं और पहले तो इस शादी की बिंदौली (निकासी) चर्चा में रही है बिंदौली में केवल दूल्हा ही नहीं बल्कि दुल्हन भी उसके साथ घोड़े पर बैठी नजर आई थी यह नजारा देखकर राहगीर भी चौंक गए थे । उसके बाद अगले दिन जो हुआ वह भी चर्चा का विषय बना हुआ है ।

दुल्हन के इस रूप को देखकर मेहमान हैरान रह गए
छबड़ा के चंद्रशेखर कॉलोनी निवासी दुल्हन कामेक्षा जांगिड़ ने अपने दूल्हे के साथ घोड़ी पर बैठकर निकासी निकाली गई थी उसके अगले दिन दुल्हन बुलेट मोटरसाइिकल पर सवार होकर दूल्हे से शादी रचाने के लिए स्टेज पर पहुंची थी इस दौरान दुल्हन ने काला चश्मा लगा रखा था । और शादी के मंडप में दुल्हन की इस धमाकेदार एंट्री से मेहमान हैरान रह गए थे वहां मौजूद मेहमानों ने दुल्हन के इस रूप के जमकर फोटो लिए और वीडियो बनाए थे कामेक्षा की शादी छबड़ा के ही धननगर निवासी सुनील जांगिड़ से हुई है । बहरहाल ये शादी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है ।

दुल्हन के पिता की थी यह एक बड़ी इच्छा
दरअसल पेशे से शिक्षक दुल्हन के पिता गोविंद जांगिड़ के कोई बेटा नहीं है और उनके 4 बेटियां ही हैं । और उन्होंने अपनी बेटियों का बेटों की तरह ही लालन-पालन किया है । और गोविंद जांगिड़ का कहना है कि कि उन्होंने बेटियों को बेटों के बराबर का दर्जा दिया है और उन्होंने ‘बेटी पढ़ाओ- बेटी बचाओ’ के उद्देश्य से दूल्हे के साथ अपनी बेटी की निकासी भी निकलवाई है वे चाहते हैं बेटियों बेटों की तरह अपने सभी अरमान पूरे करें ।

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