रासबीर सिंह ने 6 आतंकियों को उतारा था मौत के घाट, आज यह ASI फूट-फूटकर रो रहा, जानें वजह

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 रासबीर सिंह का कहना है कि आतंकवाद के दौर में आतंकियों का एनकाउंटर करने पर पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जाता था और प्रमोशन भी दिया जाता था. वह कहते हैं कि अफसरों के आदेश पर उन्होंने अपनी जान जोखिम में डाल कर छह आतंकियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. रासबीर सिंह ने कहा कि जब प्रमोशन की बारी आई तो उन्हें इससे वंचित कर दिया गया

News Jungal Desk: पंजाब में आतंकवाद के दौर में 6 एनकाउंटर कर चुका पंजाब पुलिस का एक पुलिसकर्मी अपनी अफसरशाही से खास नाराज है । और आतंकवाद के दौर के दौरान रासबीर सिंह नाम के इस पुलिसकर्मी को अफसरों ने वादा किया था कि एनकाउंटर के बदले उसे प्रमोशन दिया जाएगा और उसके बच्चों को नौकरियां भी दी जाएंगी । लेकिन करीब 30 साल बीत जाने के बाद भी उन्हें कोई बेनिफिट नहीं दिया गया है। अफसरों से नाराज यह पुलिसकर्मी एक इंटरव्यू के दौरान भावुक होकर फूट-फूट कर रोने लगा । रासबीर सिंह अब अमृतसर ट्रैफिक पुलिस में सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) के पद पर तैनात हैं ।

रासबीर सिंह का कहना है कि आतंकवाद के दौर में आतंकियों का एनकाउंटर करने पर पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जाता था और प्रमोशन भी दिया जाता था. वह कहते हैं कि अफसरों के आदेश पर उन्होंने अपनी जान जोखिम में डाल कर छह आतंकियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था । उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में में मारे गए आतंकी पंजवड़ को भी उन्होंने घेर लिया था, लेकिन वह बच निकला था. उस दौरान अफसर पीछे रहते थे और जवानों को लड़ने के लिए आगे भेजते थे ।

पदोन्नति के लिए 30 साल से काट रहे चक्कर
रासबीर सिंह ने कहा कि जब प्रमोशन की बारी आई तो उन्हें इससे वंचित कर दिया गया. उन्होंने इस बाबत अधिकारियों से शिकायत की तो उन्हें बताया गया कि जिन मामलों में उन्होंने एनकाउंटर किया था, उससे संबंधित एफआईआर में उनका नाम ही नहीं है. रासबीर सिंह अपनी पदोन्नति के लिए पिछले तीस साल से अफसरों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं ।

सरकार ने बदल दिए प्रमोशन के रूल
रासबीर सिंह कहते हैं कि यह मामला अब काफी पुराना हो चुका है और अफसर नए हैं जिन्होंने आतंकवाद का दौर देखा ही नहीं है. अब सरकार ने प्रमोशन के रूल भी बदल दिए हैं। रासबीर सिंह कहते हैं कि उन्हें इस बात का रंज है कि उनके साथ अन्याय हुआ है. रासबीर सिंह का कहना है कि सरकार जवानों को बहादुरी के लिए सम्मनित करती है, लेकिन इस तरह से अन्याय होगा तो कौन अपनी जान जाोखिम में डाल कर अपराधियों के साथ लड़ेगा।

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