3 अप्रैल 2023 सोमवार के दिन पड़ रहा है प्रदोष व्रत, ऐसे करेंगे शिव की पूजा तो महादेव होंगे प्रसन्न

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Pradosh Vrat: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रदोष इस बार 3 अप्रैल 2023, सोमवार को आ रही है।

News jungal desk :-चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रदोष (Pradosh) इस बार 3 अप्रैल 2023, सोमवार को आ रही है। ऐसे में इस बार सोम प्रदोष (Pradosh) का शुभ संयोग बन रहा है। प्रदोष (Pradosh) और सोमवार दोनों ही भगवान शिव को अर्पित किए गए हैं। अत: इस दिन किए गए सभी व्रत व पुण्य का कई गुणा फल मिलता है। इस दिन देश भर में बाबा भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार के धार्मिक कर्मकांड किए जाएंगे।

पंचांग के अनुसार प्रदोष तिथि (Pradosh date) का आरंभ 3 अप्रैल 2023, सोमवार को पूर्वाह्न 6.24 बजे होगा। समापन अगले दिन 4 अप्रैल 2023, मंगलवार को सुबह 8.05 बजे होगा। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का समय 3 अप्रैल को सायं 6.40 बजे से 8.58 बजे तक रहेगा। इसके अलावा आप अन्य शुभ चौघड़ियों में भी महादेव (Shiva ) की पूजा कर सकते हैं।

प्रदोष व्रत में ध्यान रखें ये बातें (Keep these things in mind during Pradosh Vrat)

यदि आप भी प्रदोष व्रत (Pradosh fast) कर रहे हैं तो आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ये निम्न प्रकार हैं

  • प्रदोष व्रत (Pradosh fast) में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। केवल फलाहार ही करें। यदि किसी कारण व्रत न कर पाएं तो किसी गरीब बालक या भिखारी को भोजन कराएं। इससे भी आपको व्रत का पुण्य मिलेगा।
  • उस दिन पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें। मन में भी किसी स्त्री के लिए कलुषित भावना न आने दें। ऐसा करने से व्रत खंडित हो जाएगा।
  • इस दिन अंडे, मांस, मदिरा, सिगरेट, तंबाकू, गुटखा आदि सभी प्रकार के नशों से दूर रहें, अन्यथा इससे भी व्रत का फल नहीं मिलता है।

प्रदोष पर ऐसे करें शिव की पूजा (Pradosh Vrat Puja Vidhi)

प्रदोष पर जल्दी उठकर भगवान स्नान आदि से निवृत्त होकर गणेशजी, भगवान शिव तथा मां पार्वती की पूजा करें। शिवलिंग पर गंगाजल से अभिषेक करें। उन्हें पुष्प, माला, धूपबत्ती, देसी घी का दीपक अर्पित करें। फल (नारियल, बिल्व पत्र आदि) तथा मावे की मिठाई चढ़ाएं। उनकी पूजा करें। इसके बाद अपनी श्रद्धानुसार भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र ‘ॐ नम: शिवाय’ का कम से कम 108 बार जप करें। इस तरह आपकी पूजा पूर्ण होगी। यदि आप किसी विशेष प्रयोजन के लिए शिवजी की आराधना करना चाहते हैं तो महामृत्युंजय मंत्र ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् का जप करें।’

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष (Astrology ) पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News jungal इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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