‘पेट्रोल सस्ता हो जाएगा अगर…’, उद्धव सरकार पर केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी का  बड़ा हमला

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हरदीप पुरी ने ट्वीट करते हुए कहा- महाराष्ट्र सरकार पेट्रोल पर 32.15 रुपये टैक्स लेती है जबकि कांग्रेस शासित राजस्थान में 29.10 रुपये वसूला जाता है

 न्यूज जंगल नेटवर्क, कानपुर : देश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों का असर ना सिर्फ आम लोगों पर पड़ रहा है बल्कि इसकी वजह से खाद्य पदार्थों की कीमतें भी महंगी हो रही है. इस बीच, बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के दौरान पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों पर राहत देने को कहा गया. इसके बाद एक दिन बाद केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने इसके गैर बीजेपी शासित राज्यों को कसूरवार ठहराया. उन्होंने कहा कि देश में पेट्रोल सस्ता हो सकता है, बशर्ते विपक्ष शासित राज्य सरकारें शराब पर इंपोर्टेस टैक्स में कटौती की जगह ईंधन पर टैक्स में कटौती करें.

हरदीप पुरी का विपक्ष पर बड़ा हमला

हरदीप पुरी ने ट्वीट करते हुए कहा- महाराष्ट्र सरकार पेट्रोल पर 32.15 रुपये टैक्स लेती है जबकि कांग्रेस शासित राजस्थान में 29.10 रुपये वसूला जाता है. लेकिन उत्तराखंड में सिर्फ 14.51 रुपये और उत्तर प्रदेश में 16.50 रुपये ही सरकार की तरफ से चार्ज किया जा रहा है. प्रदर्शन तथ्यों का मुकाबला नहीं कर सकता है. उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने 2018 से अब तक ईंधन पर टैक्स के रूप में 79 हजार 412 करोड़ रुपये लिए हैं और इस साल 33 हजार करोड़ कमाने की उम्मीद है. क्यों नहीं वे लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर वैट कम कर रहे हैं?

पेट्रोलियम मंत्री ने अगले ट्वीट में कहा कि बीजेपी शासित राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजर के ऊपर 14.50 रुपये से लेकर 17.50 रुपये तक वैट चार्ज करती है जबकि गैर बीजेपी शासित राज्यों में इन पर 26 रुपये से लेकर 32 रुपये तक वैट लगाया जा रहा है. इसका अंतर बिल्कुल साफ है. उनका मकसद सिर्फ प्रदर्शन और आलोचना करना है न कि लोगों को राहत देना. उन्होंने कहा कि सच्च कड़वा होता है लेकिन तथ्य खुद-ब-खुद बोलता है. हरियाणा में सबसे कम पेट्रोल पर 18 फीसदी वैट और डीजल पर 16 फीसदी है.  

पीएम मोदी ने वैट घटाने का दिया था सुझाव

इससे पहले पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के दौरान कहा था कि, पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत का बोझ कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में पिछले नवंबर में कमी की थी. राज्यों से भी आग्रह किया गया था कि वो अपने यहां टैक्स कम करें. कुछ राज्यों ने तो अपने यहां टैक्स कम कर दिया, लेकिन कुछ राज्यों ने अपने लोगों को इसका लाभ नहीं दिया.

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इस दौरान पीएम मोदी ने उन राज्यों का नाम भी लिया, जिन्होंने टैक्स में कोई कटौती नहीं की. जिसमें महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, झारखंड और केरल का नाम लिया गया. पीएम ने इन राज्यों में तेल की कीमतों का भी जिक्र किया और कहा कि, अब ये राज्य लोगों को राहत देने का काम कर सकते हैं ।

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