पटना: मौसम विभाग ने बताई बड़ी बात, चंद्र ग्रहण को लेकर,सूतक काल और राशि पर भी असर पड़ेगा

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चंद्रमा 28 अक्टूबर की आधी रात को उपछाया में प्रवेश करेगा. ग्रहण की छाया प्रावस्था 29 अक्टूबर की शुरुआती घंटे में शुरू होगी, और ग्रहण मध्यरात्रि के आसपास भारत के सभी स्थानों से दिखाई देगा.

News jungal desk :– कल साल का अंतिम चंद्रग्रहण लगभग एक घंटा 19 मिनट तक देखा जा सकता है। और पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने इस इवेंट की सटीक जानकारी प्रदान की है । और जबकि ज्योतिषविद्या के अनुसार इसका सूतक काल और राशि पर भी असर पड़ेगा. मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 28-29 अक्टूबर को एक आंशिक चंद्रग्रहण घटित होगा ।

चंद्रमा 28 अक्टूबर की आधी रात को उपछाया में प्रवेश करेगा, और ग्रहण की छाया प्रावस्था 29 अक्टूबर के शुरुआती घंटों में शुरू होगी । यह ग्रहण मध्यरात्रि के आसपास भारत के सभी स्थानों से दिखाई देगा.  ज्योतिषविद् डॉ. श्रीपति त्रिपाठी के मुताबिक, चंद्र ग्रहण का सूतक लगभग 9 घंटे पहले होता है, इसलिए सूतक पटना में शाम 4:05 बजे से प्रारंभ हो जाएगा. चंद्रग्रहण का प्रभाव विभिन्न राशियों पर विभिन्न तरीके से पड़ सकता है ।

यह होगी चंद्रग्रहण की टाइमिंग
आशीष कुमार, मौसम विज्ञान केंद्र पटना के वरिष्ठ वैज्ञानिक, बता रहे हैं कि ग्रहण की प्रावस्था 29 अक्टूबर को भारतीय मानक समय के अनुसार 01:05 बजकर प्रारम्भ होकर 02:24 बजकर समाप्त होगा, और ग्रहण की अवधि 1 घंटा 19 मिनट होगी. यह एक आंशिक चंद्रग्रहण होगा. डॉ. श्रीपति त्रिपाठी के मुताबिक, चंद्र ग्रहण का सूतक लगभग 9 घंटे पहले होता है, इसलिए सूतक पटना में शाम 4:05 बजे से प्रारंभ होगा. वे बताते हैं कि ग्रहण का प्रभाव विभिन्न राशियों पर अलग-अलग पड़ेगा. मिथुन, कर्क, कुंभ, और वृश्चिक राशियों के लिए यह ग्रहण बेहतर साबित होगा, वहीं मेष, वृष, सिंह, कन्या, तुला, धनु, मकर, और मीन राशियों पर ग्रहण का बुरा प्रभाव पड़ सकता है.

अब कब लगेगा चंद्रग्रहण
मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार भारत में दिखाई देने वाला अगला चंद्र ग्रहण 07 सितंबर 2025 को होगा. यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा. वहीं भारत में दिखाई देने वाला आखिरी पूर्ण चंद्र ग्रहण 8 नवंबर, 2022 को था. चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन होता है, जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आती है और जब तीनों एक सीध में होती हैं. पूर्ण चंद्र ग्रहण तब घटित होगा, जब पूरा चंद्रमा पृथ्वी की छाया से आवृत हो जाता है. जबकि आंशिक चंद्र ग्रहण तब घटित होता है जब चंद्रमा का एक हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढंक पाता है.

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