पाकिस्तान के मशहूर मौलाना तारिक जमील के बेटे की गोली लगने से मौत

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आतंकवादी संगठन ने बाकायदा बयान जारी कर बताया कि तालिबान समर्थक एक सदस्य को उसके लड़ाकों ने मार गिराया. आतंकवादी संगठन के इस बयान से तालिबान को भी फायदा पहुंच सकता है, क्योंकि वह इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए चीन को अपने साथ मिला सकता है.

News jungal desk :पाकिस्तान के मशहूर धार्मिक नेता मौलाना तारिक जमील के बेटे कारी इस्माइल की हत्या की जिम्मेदारी को कुख्यात आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रोविंस (आईएसकेपी) ने ली है ।आतंकवादी संगठन ने बाकायदा बयान जारी कर बताया कि तालिबान समर्थक एक सदस्य को उसके लड़ाकों ने मार गिराया. आतंकवादी संगठन के इस बयान से तालिबान को भी फायदा पहुंच सकता है, क्योंकि वह इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए चीन को अपने साथ मिला सकता है ।

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनवा के बाजौर जिले के मरमोड इलाके में रविवार को मशहूर इस्लामी विद्वान तारिक जमील के बेटे कारी इस्माइल की हत्या हो गई थी । और शुरुआत में कहा गया कि कारी स्माइल की अपनी पिस्तौल से गोली लगने के कारण मौत हो गई है । बताया जा रहा है कि इस्लामी विद्वान तारिक जमील नहीं चाहते थे कि यह मौत किसी तरह के विवादों के घेरे में आए लिहाजा उन्होंने इस मौत पर कोई कमेंट भी जारी नहीं किया है । स्थानीय पुलिस ने आरंभिक तौर पर इसे एक टारगेटेड किलिंग बताया था, लेकिन बाद में उसने कहा कि यह आत्महत्या का मामला हो सकता है ।

आईएसकेपी ने जारी किया बयान
इन तमाम अटकलों के बीच अचानक रविवार देर रात आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासन प्रोविंस ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कारी इस्माइल की हत्या की जिम्मेदारी ले ली है । आईएसकेपी द्वारा जारी बयान के मुताबिक उसके लड़ाकों ने बाजौर के मारवाड़ी इलाके में पिस्तौल की गोलियों से एक तालिबान सदस्य को निशाना बनाया है । जिसमें उसकी मौत हो गई. बताया जाता है कि कारी इस्माइल धार्मिक संगठन अहले हदीस से जुड़े हुए थे जिसे आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रोविंस अपना दुश्मन मानता है. क्योंकि यह संगठन पाकिस्तान और तालिबान समर्थक बताया जाता है ।

पहले भी हो चुकी हैं दो हत्याएं
पिछले दो हफ्तों के दौरान अहले हदीस से जुड़े हुए मौलाना ताला मोहम्मद और मौलाना जैनुल आबेदीन की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस तरह से इस संगठन के यह तीसरे प्रमुख व्यक्ति की हत्या बताई जाती है. हालांकि अब तक पिछली दो हत्याओं के बारे में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रोविंस ने जिम्मेदारी नहीं ली थी । इसलिए स्पष्ट तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि उनकी हत्या किसने की है ।

इस हत्या से तालिबान को फायदा
यह भी बताया जा रहा है कि इस हत्या से तालिबान को फायदा पहुंचा है. क्योंकि आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासन प्रोविंस ने जिम्मेदारी लेकर चीन का ध्यान भी इस ओर आकर्षित कराया है कि इस आतंकवादी संगठन की पाकिस्तान में मौजूदगी है. बीते और आने वाले दिनों में जो हमले चीनी प्रतिष्ठानों पर हुए हैं या हो सकते हैं उनमें आईएसकेपी का भी हाथ हो सकता है. तालिबान इस तरह से चीन प्रशासन को इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने में अपने साथ मिलने की कोशिश कर सकता है. क्योंकि इस आतंकवादी संगठन ने तालिबान की नाक में दम किया हुआ है ।

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