ओटीटी बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए बना बाधा, परेशानी का सामना कर रहे इंडस्ट्री से जुड़ें लोग…

0

बॉलीवुड इन दिनों अपने ख़राब दौर से गुजर रहा है। भारत में फिल्मों का काफी बड़ा कारोबार है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से बॉक्स ऑफिस पर फिल्मो के ख़राब परफॉर्म करने से….

बॉलीवुड इन दिनों अपने ख़राब दौर से गुजर रहा है। भारत में फिल्मों का काफी बड़ा कारोबार है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से बॉक्स ऑफिस पर फिल्मो के ख़राब परफॉर्म करने से फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड रहा हैं। किसी भी दूसरे देश के मुकाबले हमारे यहां सबसे अधिक फिल्में बनती है। यहाँ तक की फैंस क्ले लिए फिल्म स्टार्स किसी देवी-देवता से कम नहीं हैं। प्रीमियर पर लोगों की जबरदस्त भीड़ उमड़ती थी, लेकिन अब सिनेमाघरों में सन्नाटा छाया हुआ है। वही यह समस्या फिल्म कारोबार से जुड़े लोग के लिए काफी गंभीर मानी जा रही हैं।

जिस तरह से लगातार बॉलीवुड फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो रही हैं, यह चिंता का विषय बन गया है। इसपर मुबंई के वेट्रन थिएटर के मालिक मनोज देसाई बताया कि ‘कोरोना काल से शुरू हुआ ये सिलसिला अब भी अपने पुराने फॉर्म में नहीं लौट पाया है। ये अब तक का सबसे खराब दौर है, जब कुछ फिल्मों की स्क्रीनिंग सिर्फ इसलिए रद्द करनी पड़ी क्योंकि जनता ही नहीं थी’। इसके साथ ही मीडिया एनालिस्ट करण तौरानी का कहना है कि ‘पिछले एक साल में रिलीज हुई 50 से अधिक बॉलीवुड फिल्मों में कुछ ही फिल्मों ने कारोबार किया’।

थियेटर मालिक हैं परेशान
बॉलीवुड इंडस्ट्री भी दूसरी इंडस्ट्रीयों की तरह ही कोरोना की मार झेल रही है। जब लाखों लोग जब घर के अंदर रहे तो ओटीटी स्ट्रीमिंग का उदय हुआ, जो अब फिल्म इंडस्ट्री के लिए बाधा बन गया है। कोरोना काल कई फिल्में सीधे ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज हुई, वही कई सिनेमाघरों में रिलीज होने के कुछ हफ्तों बाद ओटीटी प्लेटफार्म पर आ गईं। बता दे कि ओटीटी प्लेटफार्म पर फिल्में देखना थियेटर के मुकाबले काफी सस्ता भी है। जिसका खामियाजा अब थियेटर के मालिकों को झेलना पड़ रहा है। अब आलम यह है कि इंडिया के दो सबसे बड़े मल्टीप्लेक्स ऑपरेटर PVR और INOX ने विलय करने की घोषणा कि है।

नए कहानीयां ही दर्शकों को खींच सकती है सिनेमाघर कि ओर
ओटीटी और साउथ इंडियन फिल्मों का हिंदी बेल्ट में उत्साह ने बॉलीवुड की फिल्मों के लिए बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। वही इस बीच बायकॉट ट्रेंड ने भी आग में घी का काम किया है। इसपर थियेटर ऑपरेटर अक्षय राठी मानते हैं कि दर्शकों को दोबारा सिनेमाघरों में लाने के लिए एक अलग तरह की स्टोरीटेलिंग लानी होगी, जिसका अनुभव वह घर पर नहीं कर सकते हैं।

यह भी पढ़े: Mulayam Singh Yadav: ‘धरती पुत्र’ का कानपुर से हैं अनोखा रिश्ता, 70 के दशक में उन्हें मिला था ये नाम….

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *