राजस्थान में पैर पसार रही ‘लंपी’ बीमारी, 30 हजार से ज्यादा जानवरो की मौत
गोवंश पशुओं में ढेलेदार त्वचा रोग (लंपी स्किन डिजीज़) का कहर बढ़ता जा रहा है. इसी कड़ी में आज बीच पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया एक जिला स्तरीय बैठक करेंगे.
न्यूज जंगल डेस्क कानपुर : गोवंश में लंपी स्किन बीमारी का संक्रमण अब लगभग पूरे राजस्थान में फैल गया है. लंपी स्किन बीमारी से राजस्थान में अब तक करीब 30 हजार गोवंश की मौतहो चुकी है. वहीं 7 लाख पशु इसके संक्रमण की चपेट में आ गये हैं. लंपी स्किन राजस्थान के 33 में से 30 जिलों में फैल गया है. और अब इस बीमारी का मुकाबला करने के लिये राजस्थान में युद्ध स्तर पर टीकाकरण शुरू किया गया है. जो राजस्थान में 8 लाख गॉट-पॉक्स वैक्सीन की डोज मंगवाई जा चुकी है. और राजस्थान में 1.39 करोड़ पशुधन में वायरस का संक्रमण रोकने के लिए कुल 41 लाख गॉट-पॉक्स वैक्सीन की डोज खरीदने के लिए तैयार है.
पशुपालन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार राजस्थान के 30 जिलों में लंपी स्किन वायरस से संक्रमित पशुओं का आंकड़ा सात लाख को पार हो गया है. सबसे ज्यादा संक्रमित पशु मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में सामने आए हैं. जोधपुर में अब तक 89043 पशुओं में लंपी स्किन वायरस का संक्रमण पाया जा चुका है. जोधपुर में इसके संक्रमण से 2918 पशुओं की मौत भी हो चुकी है. वहीं श्रीगंगानगर जिला 76980 संक्रमित पशुओं की संख्या के साथ दूसरे पायदान पर है. लंपी स्किन वायरस से श्रीगंगानगर जिले में सर्वाधिक मौतें सामने आई हैं. गंगानगर जिले में अब तक 4218 संक्रमित पशुओं की मौत हो चुकी है.
अब पूर्वी राजस्थान में संक्रमण का दायरा फैल रहा है
सर्वाधिक संक्रमित पशु सीमावर्ती जिलों में सामने आए हैं. जोधपुर जिले में 89043, बाड़मेर में 78979, जैसलमेर में 35332, जालोर में 42438, बीकानेर में 60250, श्रीगंगानगर में 76980, हनुमानगढ़ में 54299, पाली में 42081, सिरोही में 15551, चूरू में 49977, अजमेर में 22435 और नागौर में 55772 पशु लंपी वायरस से संक्रमित मिले हैं. सीमावर्ती जिलों के साथ साथ राजस्थान के लगभग सभी जिलों में लंपी स्किन वायरस के केस सामने आ रहे हैं. हालांकि पूर्वी राजस्थान में वायरस ने अभी एंट्री की है. इसके कारण संक्रमित पशुओं की संख्या ज्यादा नहीं है. लेकिन पूर्वी राजस्थान के सभी जिलों में अब ये वायरस अपना असर दिखा रहा है.
सीमावर्ती जिलों में पहले तेजी से फैला था संक्रमण
पशुपालन विभाग के सचिव पी. सी. किशन ने बताया की सीमावर्ती जिलों में पहले तेजी से संक्रमण फैला था. तब मृत्यु दर सर्वाधिक थी. लेकिन सीमावर्ती जिलों में अब पशुओं की मौतों के आंकड़ों में अस्सी से नब्बे फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है. विभाग का मानना है कि लंपी स्किन बीमारी का संक्रमण शुरुआती दौर में ज्यादा प्रभावशाली रहता है. फिर वायरस का असर कम होने के कारण यह पशुओं को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा रहा है. राज्य सरकार ने अब केन्द्रीय गाइडलाइन के अनुसार टीकाकरण अभियान युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है. पशुपालन, मतस्य एवं कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया की राज्य सरकार ने गॉट-पॉक्स वैक्सीन खरीदने के लिए पशुपालन विभाग के साथ साथ गोपालन विभाग और राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन को भी जिम्मेदारी सौंपी है.
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