कानपुर की एतिहासिक विरासत को उनकी भव्यता लौटाई जाएगी
News Jungal Desk Kanpur- कानपुर को एक समय में मैनेचस्टर ऑफ ईस्ट कहा जाता था। क्योंकि यहां लालइमली जैसी देश की बड़ी फैक्ट्रियां थीं। अब यहां खड़ी एतिहासिक इमारतें अपने वजूद को रो रही हैं। अब इन एतिहासिक विरासत को उनकी भव्यता लौटाई जाएगी। कानपुर स्मार्ट सिटी के तहत 1870 के दशक में बनकर तैयार लालइमली की एतिहासिक बिल्डिंग को जगमग किया जाएगा।
1 करोड़ रुपए होंगे खर्च
कमिश्नर डा. राज शेखर ने बताया कि लालइमली बिल्डिंग करीब 150 साल पुरानी है। कई वर्षों से मिल बंद है। लेकिन अब इस हेरिटेज बिल्डिंग को संवारा जाएगा। इसमें 1 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। बिल्डिंग में जो भी कमियां हैं उनको दूर किया जाएगा। इसमें फसाड लाइटिंग लगाई जाएगी। इसमें लगी घड़ी को भी चालू किया जाएगा। ये बीते कई दशकों से बंद है। इसमें करीब 3 महीने का वक्त लगेगा।
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अब भी काफी महत्व
इस बिल्डिंग की डिजाइन बेहद आकर्षक है। मौजूदा समय में भी फोटोग्राफी के शौकीन लोग लालइमली की फोटो क्लिक करने आते हैं। काम पूरा होने के बाद लालइमली बिल्डिंग को लोग दूर-दूर से देखने के लिए आएंगे। इससे शहर की खूबसूरती में भी चार चांद लगेंगे। बिल्डिंग के सामने लगी बिजली की लाइनों को भी अंडरग्राउंड किया जाएगा।
पूरा खर्च स्मार्ट सिटी उठाएगी
कमिश्नर ने बताया कि इस बिल्डिंग को संवारने में जितना भी खर्च आएगा उसका पूरा खर्च स्मार्ट सिटी द्वारा उठाया जाएगा। बिजली कनेक्शन और अन्य खर्चों को भी स्मार्ट सिटी द्वारा दिया जाएगा। वहीं लालइमली को संवारने के साथ 34 महीनों से 400 कर्मचारियों के लंबित वेतन को लेकर भी कमिश्नर ने कपड़ा मंत्रालय से भुगतान कराने के लिए कहा