इसरो ने चंद्रयान-3 को कक्षा में आगे बढ़ाने की पहली कवायद पूरी की, ISRO ने बताया- मिशन मून एक कदम और आगे बढ़ा

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 इसरो ने चंद्रयान-3 को उसकी कक्षा में आगे बढ़ाने की पहली कवायद सफलतापूर्वक पूरी की. इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 की हालत ‘सामान्य’ है. चंद्रयान-3 अब 41762 किलोमीटर गुणा 173 किमी. कक्षा में है. चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा, जिसके बारे में अब तक ज्यादा खोज नहीं की गई है

News jungal desk:भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) को उसकी कक्षा में आगे बढ़ाने की पहली कवायद शनिवार को सफलतापूर्वक पूरी की है । इसरो ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि चंद्रयान-3 की हालत ‘सामान्य’ है. इसरो ने ट्विटर पर चंद्रयान-3 मिशन की ताजा जानकारी देते हुए कहा कि अंतरिक्ष यान की हालत सामान्य है. कक्षा में आगे बढ़ाने (Orbit-Raising) की पहली कवायद आईएसटीआरएसी/इसरो, बेंगलुरु ने सफलतापूर्वक पूरी की. चंद्रयान-3 अब 41762 किलोमीटर गुणा 173 किमी. कक्षा में है. इसरो ने 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपने तीसरे मून मिशन को सफलता से लॉन्च किया था ।

चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा, जिसके बारे में अब तक ज्यादा खोज नहीं की गई है । अब तक केवल तीन देश- अमेरिका, चीन और रूस ही चंद्रमा की सतह पर उतरने में सफल रहे हैं । विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस उन्नीकृष्णन नायर ने कहा कि शुक्रवार को लॉन्च किया गया ऐतिहासिक ‘चंद्रयान-3’ मिशन 40 दिन के महत्वपूर्ण चरण से गुजरेगा और अंतत: चंद्रमा की सतह पर ‘लैंडिंग’ के लिए इसमें लगे ‘थ्रस्टर्स’ की मदद से इसे पृथ्वी से दूर ले जाया जाएगा. नायर ने शनिवार को तिरुवनंतपुरम में मीडिया से बातचीत में कहा कि चंद्रयान-3 ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और अंतरिक्ष यान के लिए जरूरी शुरुआती स्थितियां ‘बहुत सटीकता’ से प्रदान की गई हैं ।

इसरो ने 14 जुलाई को एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए ‘चंद्रयान-3’ का सफल लॉन्च किया था. शुक्रवार दोपहर 2.35 बजे उड़ान भरने के 17 मिनट बाद चंद्रयान को उसकी तय कक्षा में प्रवेश करा दिया गया था. नायर ने कहा कि आज से चंद्रयान में लगे थ्रस्टर्स को ‘फायर’ किया जाएगा और 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर ‘लैंडिंग’ के लिए चंद्रयान-3 को पृथ्वी से दूर ले जाया जाएगा. उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की प्रणाली ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. नायर ने कहा कि प्रयोग का पहला चरण शत प्रतिशत सफल रहा है. अंतरिक्ष यान भी बहुत अच्छी स्थिति में है तथा यह अपनी प्रणोदन प्रणाली और उपकरणों का उपयोग करके चंद्रमा पर जाने में सक्षम होगा ।

सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के एक अधिकारी ने कहा कि वैज्ञानिक इस चरण के दौरान चंद्रयान-3 को ‘कक्षा में आगे बढ़ाने’ के लिए कई उपायों को आजमाने में व्यस्त रहेंगे. इस तरह की पहली कवायद शनिवार को सफल रही है. चंद्रयान-3 के परियोजना निदेशक पी वीरमुथुवेल ने लॉन्च के बाद कहा था कि इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी), बेंगलुरु से अंतरिक्ष यान पर करीबी नजर और नियंत्रण रखेगा ।

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