इंसानियत अभी जिंदा है; एक तरफ पिता का शव था दूसरी ओर वह दूसरों की जान बचाने में लगा था

कानपुर के हैलट अस्पताल में एक ऐसी घटना देखने को मिली, जिससे प्रतीत हुआ कि इंसानियत आज भी जिंदा है. जहां एक ओर मुसीबत पड़ने पर अपने संगी-साथी रिश्तेदार सब मुंह मोड़ लेते हैं वहीं कभी-कभी कुछ लोग फरिश्ता बनकर सामने आते हैं और मदद करते हैं। ऐसा ही कुछ कानपुर के हैलट अस्पताल में देखने को मिला।

रिपोर्ट- जगदीप अवस्थी

News Jungal Desk: मामला कानपुर के हैलट अस्पताल का है जहां अस्पताल के वार्ड 14 में गम्भीर रूप से बीमार पिता के लिये बेटे ने अपने दोस्तो से बल्ड डोनेट कराके 2 यूनिट ब्लड इंतजाम किया। लेकिन कुछ देर बाद ही पता चला कि पिता की मृत्यु हो गई है।

दूसरी तरफ बगल वाले बेड पर एक मां अपनी बेटी के लिए दो यूनिट ब्लड के लिए काफी परेशान थी। बेटे ने सोचा मेरे पिता जी तो नहीं रहे, शायद इनकी बेटी की जान बच जाए। लिहाजा उसने बल्ड बैंक के कर्मचारियों से वो दो यूनिट ब्लड उस महिला को देने का आग्रह किया मगर ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने उसे मना कर दिया।

बेटा परेशान हो चुका था। इधर अस्पताल में बेड पर पिता का शव और उधर उस महिला को ब्लड मिले तो कैसे मिले। फिर एक समाजसेवी द्वारा मामला ब्लड बैंक प्रभारी तक पहुंचने पर ब्लड बैंक प्रभारी के हस्तक्षेप के बाद महिला को वो बल्ड मिल सका। इसके बाद बेटा एंबुलेंस से अपने पिता के शव को लेकर अस्पताल से चला गया
इस घटना से यही पता चला की इन्सानियत आज भी जिन्दा है।

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