कोरोना काल के बाद हुयी पहली इंटरनेशनल कांफ्रेंस
न्यूज जगंल डेस्क: कानपुर इस महामारी के दौर ने लोग प्रकृति के नियमों को और ज्यादा ध्यान में रखते हुए अवसर उत्पन्न करना सिखाया है। महामारी ने बताया कि प्रकृति है तो हम हैं। इससे इतर जाकर कुछ किया तो खामियाजा उठाना पड़ सकता है। ये बात स्टेप एचबीटीआई की ओर से आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस में आईआईएम इंदौर के निदेशक डॉ हिमांशु राय में कही। उन्होंने इनोवेटिव एंड सस्टेनेबिलिटी डेवलपमेंट में व्यापार के क्षेत्र में किस प्रकार की रणनीति बनाई जाए विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।
कोरोना काल के बाद पहली इंटरनेशनल कांफ्रेंस…
अपनी बात रखते हुए डॉ हिमांशु ने कहा की, उत्तर प्रदेश सरकार की वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना अच्छी है इससे लोगों को काफी फायदा होगा।कार्यक्रम का शुभारंभ स्टेप एचबीटीआई के समन्वयक प्रो राम नरेश त्रिपाठी ने किया। इस मौके पर इंटरनेशनल स्तर से जुड़े कई अन्य वक्ताओं डॉ रोजेर मोज़र ने डिसिशन मेकिंग एयर डिज़ाइन थिंकिंग के बारे में बताया। ऑस्ट्रेलिया से जुड़े डॉ सुधांशु जोशी ने इंडस्ट्री में हो रहे तकनीक बदलाव के बारे में जानकारी दी।
जलवायु गंभीर संकट…
डॉ सुधांशु जोशी जोकि ऑस्ट्रेलिया से जुड़े थे उन्होंने जलवायु संकट की गंभीरता के बारे में बताया कि, क्लाइमेट के साथ खिलवाड़ ठीक नहीं साथ ही साथ अगर आने वाले समय में ऐसा होगा तो पूरी दुनिया देखेगी। इस मौके पर संयोजिका स्टेप एचबीटीआई की डॉ सुचिता शुक्ला और डॉ पूजा भाकुनी रहीं। डॉ सीके तिवारी और डॉ आशीष त्रिवेदी ने वक्ताओं को संगोष्ठी में जुड़ने के लिए धन्यवाद किया। कांफ्रेंस में 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया और 50 प्रतिभागियों शोध पत्र प्रस्तुत किए।