एसटीपी बंद होने से करोड़ों लीटर सीवेज नालों से सीधे गंगा में समाया

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NEWS jUNGAL dESK Kanpur- गंगा में सीवेज को रोकने के लिए जाजमऊ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाया गया है। 200 करोड़ रुपए बिजली का बकाया न जमा करने पर केस्को ने एसटीपी की लाइट काट दी। जिसके बाद म्योर मिल और नवाबगंज नाले का सीवेज बिना ट्रीट हुए सीधे गंगा में गिरने लगा। जल निगम के अधिकारियों ने 2 करोड़ रुपए जल्द जमा करने का आश्वासन दिया। तब कनेक्शन जोड़ा गया।

कई बार दी गई नोटिस
म्योर मिल नाला का 65 लाख लीटर और नवाबगंज नाले को डेढ़ करोड़ लीटर सीवेज ट्रीट करने के लिए जाजमऊ एसटीपी पहुंचता है। एसटीपी का संचालन प्राइवेट कंपनी शापोर जी पालोन जी करती है। कंपनी ने बिजली का बकाया कुल 200 करोड़ रुपए नहीं जमा किया है। केस्को ने कई बार नोटिस भी दिया, बावजूद इसके बिल नहीं जा कराया गया। केस्को के अधिशासी अभियंता सौरभ गौतम ने बताया कि प्लांट का करीब 200 करोड़ रुपए का बिल बकाया है।

जेनरेटर भी नहीं चलाया
बिजली न होने की दशा में बैकअप के लिए जेनरेटर की भी व्यवस्था है, लेकिन लाइट जाने के बावजूद जेनरेटर नहीं चलाया गया। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई जल निगम के अधिकारियों के मुताबिक केस्को अधिकारियों को डेढ़ करोड़ रुपए जल्द से जल्द और 50 लाख रुपए किश्तों में देकर बिल दिया जाएगा। बाकी के बिल के लिए अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।

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गंगा लगातार हो रहीं हैं प्रदूषित
नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत सीवेज ट्रीटमेंट के लिए एसटीपी का संचालन प्राइवेट हाथों में दिया गया। लेकिन प्राइवेट कंपनी भी ठीक से काम नहीं कर पा रही हैं। इसकी वजह से आए दिन प्लांट किसी न किसी खराबी के कारण बंद रहते हैं और सीवेज बिना ट्रीट हुए गंगा में गिरता है। इससे गंगा में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है।

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