अरविंद केजरीवाल की ‘ईमानदारी’ से दिल्ली को हुआ फायदा? जानें CAG रिपोर्ट में क्या

कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (सीएजी) की रिपोर्ट में दिल्ली सरकार को रेवेन्यू प्लस बताए जाने से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गदगद हैं। हालांकि रिपोर्ट में केंद्र को भी क्रेडिट दिया गया है।

न्यूज जंगल डेस्क कानपुर :- कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (सीएजी) की रिपोर्ट में दिल्ली सरकार को रेवेन्यू प्लस बताए जाने से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गदगद हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इसे आम आदमी पार्टी (आप) इसे ईमानदारी का सबसे बड़ा सबूत बताया है। सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 से दिल्ली सरकार फायदे में चल रही है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से कुछ खर्चों को वहन करने की वजह से राजस्व अधिक रहा है। 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक न्यूज लिंक शेयर करते हुए ट्वीट किया, ”यह CAG की रिपोर्ट है। इन्होंने कहा है कि दिल्ली में जबसे आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, तबसे दिल्ली सरकार फायदे में चल रही है। ये आम आदमी पार्टी सरकार की ईमानदारी का सबसे बड़ा सबूत है। इसी ईमानदारी ने हमारे विरोधियों की नींद उड़ा रखी है।”

वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे केजरीवाल की ईमानदार राजनीतिक का परिणाम बताते हुए कहा, ”यह केजरीवाल का शासन मॉडल है। जब हर राज्य राजस्व घाटे में है, केवल दिल्ली सरकार का रेवेन्यू 2015 से सरप्लस है। ईमानदार राजनीति समृद्धि लाती है।” सिसोदिया ने राज्य की वित्तीय स्थिति पर 2021 की सीएजी रिपोर्ट को मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में पेश किया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019-20 में दिल्ली का रेवेन्यू सरप्लस 7,499 करोड़ रुपए था। यह दर्शाता है कि सरकार की राजस्व प्राप्तियां राजस्व व्यय को पूरा करने के लिए पर्याप्त थीं। यह जीएसडीपी (ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट) के  0.88 फीसदी है, जो 2018-18 में 0.81% रहा था। हालांकि, सीएजी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दिल्ली में रेवेन्यू सरप्लस इसलिए रहा है क्योंकि कुछ खर्चों को केंद्र उठाता है। 

सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कहा, ”एनसीटी ऑफ दिल्ली रेवेन्यू सरप्लस में मुख्यतौर पर इसलिए रहा क्योंकि जीएनसीटीडी कर्मचारियों के पेंशन की देनदारी केंद्र सरकार के हिस्से है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस का खर्च भी गृह मंत्रालय उठाता है।” रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि दिल्ली का राजस्व खर्च 2015-16 के मुकाबले 2019-20 में 50.47 फीसदी बढ़कर 26,343 करोड़ रुपए से बढ़कर 39,637 करोड़ रुपए हो गया।

ये भी पढ़े : पंजाब का CM भगवंत मान कल करेंगे दुसरी शादी ,जानिये ,कौन बनेगी दूसरी दुल्हन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *