क्रिप्टो करेंसी पर शिकंजे की तैयारी, पीएम ने ली क्लास…

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विशेष प्रतिनिधि
नेशनल डेस्क। टेरर फंडिंग का सहारा बन रहे अवैध रूप से संचालित किए जा रहे सभी क्रिप्टो एक्सचेंजो पर केंद्र सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों के लिए टेरर फंडिंग और काला धन जमा करने वालों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का जरिया बने इन क्रिप्टो एक्सचेंज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए कहा है। मालूम हो कि इस पर अबतक कोई कानून नहीं बनाया गया है। इससे वित्तीय स्थिरता में दिक्कत की संभवाना हो सकती है।
शनिवार को PM ने इसे लेकर फाइनेंस मंत्रालय, RBI और गृह मंत्रालय के साथ एक बैठक की। सरकारी सूत्रों का कहना है कि बैठक में PM मोदी ने स्पष्ट तौर पर पूछा कि क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलराइज करने के लिए कौन से कदम उठाए गए हैं।


युवाओं को गुमराह करने पर लगेगी रोक
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में क्रिप्टोकरेंसी और उससे जुड़े सभी मुद्दों की व्यापक समीक्षा हुई। साफतौर पर यह तय किया गया कि क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर युवाओं को गुमराह करने वाली अपारदर्शी एडवर्टाइजिंग पर रोक लगाई जाए। बैठक में RBI, फाइनेंस मंत्रालय और गृह मंत्रालय की तरफ से देश-दुनिया के क्रिप्टो एक्सपर्ट्स से ली गई सलाह के बाद सामने आए मुद्दों पर बात की गई। ईटी के मुताबिक बताते हैं कि करोड़ों लोगों ने 6 लाख करोड़ का निवेश क्रिप्टो एसेट में किया है जो कि भारतीय जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद का तकरीबन 3 फीसदी और 17 फीसदी नेशनल बजट (वित्त वर्ष 2021) का हिस्सा बताया जाता है। अगर इसे रेगुलेटेड न किया गया तो भारत की सबसे बड़ी पोंजी स्कीम हो सकती है।
सूत्रों का कहना है कि बैठक में अवैध क्रिप्टो मार्केट्स को लेकर सबसे ज्यादा बातचीत की गई। इस बात पर सहमति जताई गई कि इन मार्केट्स को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का गढ़ नहीं बनने दिया जा सकता।
बैठक में इस पर भी सहमति रही कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी तकनीक रोजाना बदल रही है। इसके चलते यह तय किया गया कि सरकार तकनीक की मदद से क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े हर पहलू पर करीबी नजर रखने के लिए कदम उठाएगी। इसके लिए लगातार एक्सपर्ट्स और अन्य हितधारकों से सुझाव लिए जाएंगे।
दूसरे देशों के साथ बनाएंगे तालमेल
बैठक में यह भी माना गया कि क्रिप्टोकरेंसी का मुद्दा देश की सीमाओं में बंधा हुआ नहीं है बल्कि यह एक इंटरनेशनल इश्यू है। ऐसे में भारत सरकार ग्लोबल पार्टनरशिप और सामूहिक रणनीतियां बनवाने के लिए दूसरे देशों के साथ तालमेल बनाएगी।

बताते हैं कि हाल बी में भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल करेंसी को लेकर चेतावनी दी थी। उन्होंने इसे बेहद गंभीर विषय बताया था और जल्द ही कोई बड़ा कदम उठाए जाने की तरफ इशारा किया था। क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने के लिए रिज़र्व बैंक और शेयर बाजार रेग्युलेटर सेबी मिलकर एक फ्रेमवर्क तैयार कर रहे हैं। यह भी बता सेन की भारतीय रिजर्व बैंक की भी डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी है। हालांकि इसे लेकर बहुत कुछ स्पष्ट नहीं है। पर यह कदम जल्द उठाया जा सकता है।

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