राजधानी में एविल इंजेक्शन के दुरुपयोग की शिकायत, 18 दवा विक्रेताओं की हुयी जांच 

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 इस बार एलर्जी की दवा एविल का इस्तेमाल नशे के लिए होने का खुलासा हुआ है. चिंता की बात यह है कि इस धंधे में दवा विक्रेताओं की भूमिका सामने आई है. ड्रग डिपार्टमेंट और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स ने संयुक्त रुप से की कार्रवाई में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं ।

न्यूज जंगल क्राइम डेस्क :- नशे के लिए दवाओं के दुरुपयोग के पहले कई बार मामले सामने आ चुके हैं । लेकिन इस बार एलर्जी की दवा एविल का इस्तेमाल नशे के लिए होने का खुलासा हुआ है और चिंता की बात यह है कि इस धंधे में दवा विक्रेताओं की भूमिका सामने आई है । ड्रग डिपार्टमेंट और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स ने संयुक्त रुप से करी कार्रवाई में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं और जांच में  NDPS श्रेणी की दवाओं के भी अवैध तरीके से रखने का खुलासा हुआ है तो जांच के दायरे में राजधानी जयपुर का एक मनोचिकित्सक भी है ।

दरअसल नशे का सामान मंहगा और सख्ती के चलते नशाखोरों ने अब दवाओं को ही नशे का औजार बना लिया है और किसी भी मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिल जाने के कारण नशेड़ी अलग-अलग तरह की दवाओं के जरिए नशा करने लगे हैं । लेकिन, राजधानी जयपुर में पहली बार एलर्जी की दवा एविल से नशा करने का मामला सामने आया है और बता दें कि औषधि नियंत्रण संगठन को एविल इंजेक्शन के दुरुपयोग की लगातार शिकायतें मिल रही थी । जिसके बाद 18 दवा विक्रेताओं की जांच करी गई है । जिसमें सामने आया कि दवा विक्रेताओं द्वारा राजस्थान के बाहर से भी एविल इंजेक्शन खरीदे जा रहे हैं ।

इस कड़ी में राजधानी के चांदपोल स्थित राजस्थान मेडिकल एंड प्रोविजनल स्टोर पर भी कार्रवाई करी गई है जहां एनडीपीएस श्रेणी की दवाएं भी मिली है जिसके बाद इस जांच में सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स को भी शामिल किया गया है इस मेडिकल स्टोर से अल्प्राजोलम, ट्रामाडोल, कोडीन को सिरप, buprinorphine & नलेक्सोन को भी जब्त किया गया है लेकिन, मामला यहीं नहीं रुका है इस मेडिकल स्टोर से पूछताछ में सामने आया कि दवाएं एक बड़े मनोरोग डॉ़क्टर से लेकर आया था और औषधि नियंत्रक अजय फाटक ने बताया कि इस मामले में डॉक्टर से दवाओं की खरीद का 2 साल का ब्यौरा मांगा गया है ।

दवा विक्रेताओं की भूमिका की होगी जांच 
औषधि नियंत्रक अजय फाटक ने बताया कि मनोरोगी को दी जाने वाली दवाओं का नशे के रुप में दुरुपयोग होने लगा है । और इस लिहाज से जांच करी जा रही है । उन्होंने बताया कि मामला एनडीपीएस दवाओं का है इसलिए इस मामले की जांच सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स द्वारा करी जा रही है । उन्होंने बताया कि डॉक्टर के पास से दवाएं बेचने की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन इस मामले में जांच की जा रही है और दवा विक्रेताओं के खिलाफ जांच के बाद पहले एविल और फिर एनडीपीएस दवाओं को लेकर खुलासा हुआ है. इस मामले के सामने आने के बाद अब नशे के कारोबार में दवा विक्रेताओं की भूमिका शक के दायरे में आ गई है ।

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