Chandra Grahan 2022: सूतक के कारण वाराणसी में मंदिरों के कपाट बंद, फिर भी पहुंच रहे भक्त

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वाराणसी के प्रसिद्ध संकट मोचन, कुष्मांडा देवी, मानस मंदिर सहित कई मंदिरों में आज मंगलवार सुबह आरती के बाद से ही कपाट बंद हैं, फिर भी श्रद्धालुओं का यहां पहुंचना लगातार जारी है. वीडियो में देखिए और रिपोर्ट में तमाम ब्योरे जानिए ।

 न्यूज जंगल डेस्क :- साल 2022 का आखरी अंतिम चंद्र ग्रहण मंगलवार 8 नवम्बर को लग रहा है और पंचांग के मुताबिक बाबा विश्वनाथ के शहर बनारस में शाम 5 बजकर 10 मिनट से चंद ग्रहण की शुरुआत हो जाएगी . चंद्र ग्रहण से ठीक पहले ही वाराणसी के सभी छोटे बड़े मंदिरों के कपाट बंद हो गए हैं. मंदिर के कपाट बंद हैं, फिर भी लोग मंदिर पहुंच पूजन कर रहे हैं और मान्यता है कि ग्रहण काल के कुप्रभाव से बचने के लिए इस समय में पूजन, मंत्र जप का विशेष फल मिलता है. यही वजह है कि लोग मंदिरों में बंद कपाट के सामने खड़े होकर पूजा अर्चना कर रहे हैं ।

वाराणसी के संकट मोचन, कूष्मांडा देवी, मानस मंदिर सहित सभी छोटे बड़े मन्दिर सुबह 8 बजे सूतक काल शुरू होने के साथ ही बंद हो गए थे कपाट बंद करने के पहले आरती हुई उसके बाद मंदिर को बंद कर दिया गया था बताते चलें कि अब शाम को ग्रहण के मोक्ष के बाद यानी 7 बजे के करीब आरती पूजन के बाद दोबारा मंदिरों को खोला जाएगा ।

वाराणसी में 69 मिनट तक रहेगा ग्रहण

उसके बाद भक्तों को देव विग्रह के दर्शन होंगे और धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक ग्रहण काल के पहले लगने वाले सूतक काल को अशुभ माना जाता है और इस समय देव विग्रह का स्पर्श वर्जित माना गया है. यही वजह है कि सूतक के लगने से पहले ही वाराणसी में मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं. और वाराणसी में शाम 5 बजकर 10 मिनट से ग्रहण काल की शुरुआत होगी और शाम 6 बजकर 19 मिनट पर मोक्ष होगा. बीएचयू के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर सुभाष पांडेय ने बताया कि वाराणसी में ग्रहण काल की कुल अवधि 69 मिनट की होगी

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