अपरा एकदाशी के दिन पूजा करने से पितरों की आत्मा को मिलेगी शांति करें उपाय,जानें शुभ मुहूर्त

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News Jungal Desk: सभी एकादशी का अपना एक अलग महत्व होता है । यह जेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष के दिन पड़ने वाली अपरा अपरा एकादशी का एक अलग महत्व है । ये एकादशी Ekadashi 15 मई दिन सोमवार वृत रखा जायेगा । इस दिन भगवान हरि हर की पूजा करने का विशेष विधि विधान है । इतना ही इस दिन पितरों की आत्मा की शान्ती के लिए पूजा की जाती है ।साथ ही दान पूर्ण भी किया जा सकता है ।ऐसा कहा जाता है कि अपरा एकादशी के दिन व्रत रखने स और पितरों की पूजा करने से प्रेत योनि से भी मुक्ति मिल जाती है ।

जानें पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है 

अपरा एकादशी का व्रत दिनांक 15 मई को रखा जाएगा, इसे अचला एकादशी के नाम भी जाना जाता है.

शुभ मुहूर्त – दिनांक 15 मई को सुबह 02 बजकर 46 मिनट से लेकर दिनांक 16 मई को 01 बजकर 03 मिनट तक रहेगा.

अपरा एकादशी के दिन व्रत रखने से मिलती है प्रेत योनि से मुक्ति

जिसमें एक शुक्ल पक्ष की एकादशी होती है, तो एक कृष्ण पक्ष की एकादशी होती है. साल में कई एकादशी व्रत का त्योहार मनाया जाता है. जिसका अपना एक अलग इतिहास है और अलग मान्यता भी है. लेकिन ज्यादातर सभी एकादशी में भगवान श्री हरि विष्णु की विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है. अब इस बार दिनांक 15 मई को अपरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. जिनके पूर्वज प्रेत योनि में भटकते हैं, उसे इस दिन खास पूजा करना चाहिए और व्रत रखना चाहिए. इससे उनके बेटे को शांति मिलती है और जीवन में आ रही सभी परेशानियां भी दूर हो जाती है. 

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पूजा है ।

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