न्यूज जंगल डेस्क। कानपुर। कोरोना संक्रमण से राहत के बाद शहर से लेकर कस्बाई इलाकों में बड़ी संख्या में शादियां हो रही हैं। वैसे तो शादियां रोज हो रही हैं, लेकिन 28 नवम्बर की लगन में व्यवस्था करने में वर-वधू पक्ष को काफी मुश्किल हो रही है। बैंड से लेकर वीडियोग्राफी के लिए मुंहमांगी कीमत देनी पड़ रही है, पंडित जी के लिए भी परेशानी हो रही है। परिवारों के अपने पंडित जी की ना के बाद लोग गायत्री परिवार के पुरोहित की शरण में पहुंच रहे हैं।
मैरिज हाल संचालकों के मुताबिक 28 नवम्बर को शहर के साथ आसपास के कस्बाई इलाकों में 500 से अधिक जोड़े सात फेरे लेंगे। शहर के 200 से अधिक मैरिज हाल और लॉन बुक हो चुके हैं। लोग रेलवे कालोनियों के खाली बंगलों से लेकर मोहल्लों के पार्क में शादी समारोह आयोजित करने को मजबूर हैं। जनप्रिय विहार वार्ड के पार्षद और उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा का कहना है कि ‘पार्किंग और अन्य समस्याओं को देखते हुए लोग मैरिज हाल को तरजीह दे रहे हैं, लेकिन 28 को तेज लगन को देखते हुए लोग मोहल्लों के पार्क में शादियां मैनेज कर रहे हैं। मैरिज हाल एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय खेमका का कहना है कि ‘28 और 29 नवम्बर को एक भी मैरिज हाल और होटल खाली नहीं हैं। कैटरर्स और वेटर का इंतजाम मुश्किल हो रहा है।’ वहीं फूल कारोबारी पंकज सैनी का कहना है कि ‘अच्छी बुकिंग को देखते हुए कोलकाता के साथ आसपास के जिलों से मजदूरों को बुलाना पड़ रहा है।’
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सर्वाधिक मुश्किल पंडित जी और नाई की व्यवस्था को लेकर है। बिछिया हनुमान मंदिर के पुजारी गुलाब पाठक का कहना है कि ‘एक ही दिन काफी अधिक शादियां होने से मुश्किल हो रही है। यजमान कुछ सुनने को तैयार नहीं है। नवम्बर से दिसम्बर के बीच चुनिंदा शुभ मुहूर्त में शादियां मैनेज करना मुश्किल है।’ गायत्री परिवार के मुख्य ट्रस्टी दीनानाथ सिंह का कहना है कि ‘गायत्री परिवार के 9 पुरोहित शादियां कराते हैं। तेज लगन के चलते कैम्पियरगंज, पीपीगंज, भटहट आदि इलाकों से पुरोहित की व्यवस्था की जा रही है।’