बीते करीब तीन साल से कोरोना महामारी ने दुनिया में तबाही मचा रखी है. इस बीच इस बीमारी से बचाव के लिए वैज्ञानिकों ने बेहद कम समय में वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल की और यह वैक्सीन काफी हद तक इस महामारी पर काबू पाने में कामयाब भी हुई ।
न्यूज जंगल नेशनल डेस्क :– कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर तरह-तरह की बातें कही जाती रही है । और अब वैक्सीन को लेकर आपकी चिंताएं दूर हो सकती हैं. एक ताजा अध्ययन के नतीजों के मुताबिक इस वैक्सीन से ब्लड कैंसर के मरीजों में काफी सकारात्मक सुधार देखा गया है । और मेडिकल सेंटर यूनिवर्सिटी ऑफ फ्रेइबर्गैंड और एलएमयू म्यूनिच (LMU Munich) के फिजिशियों ने इस बारे में अध्ययन किया है और उन्होंने इस अध्ययन के जरिए यह समझने की कोशिश की कि ब्लड कैंसर के मरीजों पर कोरोना वैक्सीन के तीन डोज लगाए जाने के महीनों बाद क्या असर हुआ था ।
एएनआई ने इस बारे में स्टोरी पब्लिश करी है । और डॉक्टरों के मुताबिक ब्लड कैंसर के मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता अपेक्षाकृत कमजोर होती है । और ऐसे में उनके कोविड-19 से पीड़ित होने का खतरा काफी ज्यादा था । और इतना ही नहीं कैंसर के इलाज के कारण ऐसे मरीजों में कोरोना की वैक्सीन लगाए जाने के बाद भी इनके शरीर में सारस कोव-2 (SARS CoV-2) वायरस के खिलाफ बहुत कम एंटीबॉडी बनने की आशंका थी । और इस दौरान एक अच्छी चीज देखने को मिली है कि इस वैक्सीन ने ब्लड कैंसर के मरीजों की बॉडी में T सेल्स को एक्टिव कर दिया है । ये टी-सेल्स ही लंबे समय में मरीजों में एम्यून सिस्टम को बेहतर करते हैं ।
गंभीर बीमार होने का खतरा कम हुआ
मेडिकल सेंटर यूनिवर्सिटी ऑफ फ्रेइबर्गैंड के 2 फिजिशियनों डॉ. एंद्रेया केप्लर-हाफ्केमेयर और डॉ. क्रिसटीन ग्रेइल और एलएमयू म्यूनिच (LMU Munich) के वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर ओलिवर टी. केप्पलर ने इस अध्ययन को अंजाम दिया है । और उनका कहना है कि कोरोना वैक्सीन ने ऐसे मरीजों को गंभीर रूप से बीमार होने के खतरे को कम किया गया है ।
शोध के मुताबिक इस अध्ययन में दो तरह के ब्लड कैंसर मरीजों पर फोकस किया गया था । और ये दो तरह के मरीज थे- बी-सेल लिंफोमा और मल्टीपल मेलोमा और इन दोनों तरह के सभी मरीजों में वैक्सीनेशन के बाद स्ट्रॉन्ग टी-सेल रेस्पॉन्स देखा गया है । और शोधकर्ताओं को कहना है कि अब आगे यह देखना होगा कि ब्लड कैंसर के मरीजों में इस वैक्सीन के बाद बने एंटीबॉडी की गुणवत्ता, सामान्य लोगों में वैक्सीन लगाने के बाद बनी एंटीबॉडी की तुलना में कैसी है । और इसमें यह भी पाया गया कि कैंसर के मरीजों में जो एंटीबॉडी बनी उसकी गुणवत्ता काफी बेहतर थी ।
इस अध्ययन के निष्कर्ष में प्रोफेसर ओलिवर टी. केप्पलर कहते हैं कि ब्लड कैंसर के मरीजों में कोविड-19 वैक्सीनेशन मरीजों में व्यापक एंटीवायरल एम्युनिटी बना सकता है । और इसमें उच्च प्रोटीन वाले न्यूट्रीलाइजिंग एंटीबॉडी भी शामिल हैं. ऐसे में ब्लड कैंसर के मरीजों को उनके मूल इलाज को रोके बिना कोरोना की वैक्सीन देना ज्यादा प्रभावी हो सकता है ।
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