कानपुर के अभिलाष महाराष्ट्र हिंदी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष बने

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न्यूज जंगल डेस्क कानपुर : कानपुर में जन्मे -पढ़ेलिखे कवि- लेखक- पत्रकार अभिलाष अवस्थी को महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी का कार्याध्यक्ष मनोनीत किया गया है।भारत के लगभग सभी प्रांतों में हिंदी के विकास के लिए हिंदी अकादमी का गठन किया जाता है जिसमें उस प्रदेश के प्रमुख साहित्यकार को अध्यक्ष या कार्याध्यक्ष मनोनीत किया जाता है।

महाराष्ट्र में सांस्कृतिक मंत्री हिंदी अकादमी का शासकीय अध्यक्ष होता है,और कैबिनेट की संस्तुति पर वह कार्याध्यक्ष नियुक्त करता है।कानपुर के साहित्यकारों पत्रकारों और ललित कलाओं से जुड़े लोगों के लिए यह गौरव की बात है कि उनके बीच का कलमकार आज अपने जन्म स्थान से इतर किसी अन्य प्रांत में साहित्य के उच्चतम पद के लिए योग्य समझा गया।

अभिलाष अवस्थी की लेखन यात्रा-

ज्ञात हो कि अभिलाष अवस्थी ने कानपुर के डीएवी.काॅलेज से एम.एस-सी.(फिजिक्स) और एम.ए. ( हिंदी साहित्य) में किया। उन्होंने वी.एस.एस.डी. काॅलेज से बी.एड. भी किया। अभिलाष अवस्थी कानपुर की सामाजिक और साहित्यक गतिविधियों में हमेशा एक चर्चित नाम रहे। गौरव की बात ये भी रही कि देश की बहुचर्चित पत्रिका ‘ ‘धर्मयुग ‘ में जानेवाले वे कानपुर के इकलौते पत्रकार रहे। उनकी प्रतिभा को शहर यूं भी आंकता रहा है कि उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत ही टाइम्स ऑफ इंडिया की महान पत्रिका ‘ धर्मयुग ‘ से की और वह भी महान साहित्यकार डॉ. धर्मवीर भारती के संपादन में। इसके बाद अभिलाष अवस्थी 4 दैनिक अखबारों और 3 पत्रिकाओं के संपादक बने। वे सूर्या समाचार चैनल के महाराष्ट्र – गोवा के हेड रहे।

मूलतः कवि रहे अभिलाष अवस्थी के दो उपन्यास ‘ एक शहर के विरुद्ध ‘ और ‘ पीपल पर घोंसले नहीं होते!’ बहुचर्चित रहे। कोरोना पर विश्व के प्रथम उपन्यास के रुप में चर्चित ‘ पीपल पर घोंसले नहीं होते!’ एक संवेदनशील प्रेमकथा के रुप में आज भी चर्चा का विषय है। कानपुर की मैत्री, संवेदनशीलता,दंगे- फसाद के मध्य सांप्रदायिक सौहार्द के लिए लड़ते एक युवक की कथा है- ‘ एक शहर के विरुद्ध’। कानपुर की पृष्ठभूमि पर लिखा गया यह उपन्यास अब संशोधित संस्करण के साथ इसी वर्ष आ रहा है। अभिलाष अवस्थी का एक ग़ज़ल संग्रह भी प्रकाशित हो चुका है।

अभिलाष अवस्थी ने फिल्म लेखन भी किया। प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक सईद मिर्जा के सीरियल के लेखन के साथ ही फिल्म – कैसेट -अलबम के लिए गीत- ग़ज़ल लिखे।वर्तमान में वे एक फिल्म व एक वेब सिरीज़ की पटकथा लिख रहे हैं।

अभिलाष को मिले पुरस्कार/ सम्मान

हिंदी – उर्दू अकादमी पुरस्कार,गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता सम्मान, देवीप्रसाद राही काव्य सम्मान समेत 68 पुरस्कार अभिलाष अवस्थी को मिले।तीन प्रदेशों के राज्यपालों ,देश के कई मंत्रियों, साहित्यकारों और गणमान्य व्यक्तियों/संस्थाओं ने अभिलाष अवस्थी को पुरस्कृत और सम्मानित किया।

अभिलाष अवस्थी की नियुक्ति पर चिंतक और लेखक बद्रीनारायण तिवारी, डॉ गायत्री सिंह, डॉ शिवकुमार दीक्षित, रामकिशोर वाजपेयी, लोक सेवक मंडल कानपुर के अध्यक्ष दीपक मालवीय, वरिष्ठ पत्रकार विष्णु त्रिपाठी, दिलीप शुक्ल, महेश शर्मा, चित्रकार – रंगकर्मी रतन राठौर, समाजसेवी डाॅ. रवीन्द्र नाथ चौरसिया, अनिल खेतान, नरेंद्र शर्मा ( तिरंगा) आदि प्रमुख हैं।इसके अतिरिक्त कई संस्थाओं ने भी हर्ष व्यक्त किया है।

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