कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स की कटौती, घटाया डीजल-एटीएफ पर एक्सपोर्ट ड्यूटी, जाने कैसे डालेगी इनके कीमतों पर असर

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16 दिसंबर को केंद्र सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स कम कर दिया। साथ ही पर लेवी भी घटाया है। वही संशोधित टैक्स दरें 16 दिसंबर से ही प्रभावी हो गई हैं। वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में बताया कि…..

Business Desk: 16 दिसंबर को केंद्र सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स कम कर दिया। साथ ही पर लेवी भी घटाया है। वही संशोधित टैक्स दरें 16 दिसंबर से ही प्रभावी हो गई हैं। वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में बताया कि स्थानीय रूप से उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 4,900 रुपये प्रति टन से घटाकर 1,700 रुपये प्रति टन कर दिया है।

जबकि निर्यात के लिए हाई-स्पीड डीजल पर विंडफॉल टैक्स को पहले के 8 रुपये से घटाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. इसमें 1.5 रुपये प्रति लीटर का अतिरिक्त उपकर शामिल है. वहीं, एयर फ्यूल यानी एटीएफ पर लेवी को घटाकर 1.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. सरकार के इस फैसले से उन कंपनियों को राहत मिलेगी, जो कच्चे तेल का उत्पादन पेट्रोल-डीजल और एटीएफ को निर्यात करती हैं.

केंद्र ने 1 जुलाई से लगाया विंडफॉल टैक्स?
बता दे कि इसके पहले 1 दिसंबर 2022 को केंद्र सरकार की ओर से विंडफॉल टैक्स पर हुई समीक्षा बैठक हुई थी। जिसमे घरेलू कच्चे तेल की बिक्री पर टैक्स को 10,200 से घटाकर 4,900 रुपये प्रतिटन कर दिया गया था। जबकि पेट्रोल पर विंडफॉल टैक्स को खत्म कर दिया गया था। साथ ही ATF पर टैक्स को पांच रुपये प्रति लीटर पर बरकरार रखा गया था। इसपर एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार के इस कदम से पेट्रोल-डीजल के रेट घटने की उम्‍मीद बढ़ गई है। वही अब घरेलू बाजार में तेल की आपूर्ति काफी अच्‍छी हो गई है। जिस वजह से कंपनियों पर दबाव घटा है जिससे वह कीमतों में कटौती कर सकती हैं।

1 जुलाई को पहली बार लगाया गया था विंडफॉल टैक्स
आपको बता दे कि भारत सरकार ने पहली बार 1 जुलाई को अप्रत्याशित लाभ कर यानी विंडफॉल टैक्स लगाया था। इसी के साथ भारत उन देशों में शामिल हो गया जो ऊर्जा कंपनियों के प्रॉफिट पर टैक्स लगाते हैं। ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) और वेदांता-कंट्रोल केयर्न जैसे सरकारी उत्पादकों पर भी घरेलू कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर का असर पड़ा है।

विंडफॉल टैक्स वित्त मंत्रालय के दायरे में
जानकारी के अनुसार ONGC ने केंद्र से घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर लाभ कर वापस लेने और वैश्विक ऊर्जा कीमतों में उछाल के परिणामस्वरूप बंपर आय में टैप करने के लिए लाभांश मार्ग का उपयोग करने का आग्रह किया था। वही केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि विंडफॉल टैक्स वित्त मंत्रालय के दायरे में है और मंत्रालय हर पखवाड़े पर इसकी समीक्षा करता रहेगा।

क्या होता है विंडफॉल टैक्स?
बता दे कि विंडफॉल टैक्स उन कंपनी व इंडस्ट्री पर लगाया जाता है, जिन्हें किसी विशेष परिस्थितियों में बड़ा लाभ होता है। जैसे कि यूक्रेन-रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई थी। इससे तेल कंपनियों को भारी मुनाफा हुआ था इसलिए उन पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया था।

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