खाना क्यों हो जाता है प्वाइजनस यानि विषैला, जो हो सकता है जानलेवा।
भोजन के विषैले हो जानें से अकसर लोगों की मौत हो गई,कई बार रखा हुआ खाना खुद ब खुद इतना विषैला हो जाता है कि जानलेवा साबित हो जाता है.
कानपुर न्यूज जंगल डेस्क : कई बार हम खबरों में पढ़ते हैं और टीवी में देखते हैं कि शादी या किसी समारोह में भोजन के विषैले प्रभाव से कई लोगों की मौत हो गई. कई बार रखा हुआ खाना खुद ब खुद इतना विषैला हो जाता है कि जानलेवा साबित हो जाता है. क्या आपको मालूम है कि भोजन कैसे प्वाइजनस हो जाता है यानि शरीर में विषैले प्रभाव के साथ फैलकर जानलेवा हो जाता है.
आखिर फूड प्वाइजनिंग क्या है और क्यों होता है. दरअसल फूड प्वाइजनिंग भोजन में मौजूद अशुद्धियों के पेट में पहुंचने से होता है. कई बार दो ऐसे खानो का कांबिनेशन हो जाता है और कई बार ये खाने को रखे रहने से हो जाता है.
कई बार गंदा पानी पीने और बगैर धुले फल और सब्जियां खाने से भी हो जाता है, इनसे भी फूड प्वाइजनिंग हो जाती है.
खुले और गंदे स्थानों पर खाना रखने से
भोजन को अधिक समय तक खुले में रहने से, गंदे स्थानों पर रखने से और उन पर मच्छर-मक्खियां आदि बैठने से उनमें बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं. ये एक तरह के इतने सूक्ष्म विषाणु होते हैं, जिन्हें हम नंगी आंखों से नहीं देख सकते. माइक्रोस्कोप से देखने पर ये देखे जा सकते हैं.
बैक्टीरिया पेट के अंदर जहर पैदा कर देते हैं
ये बैक्टीरिया भोज्य पदार्थों द्वारा हमारे पेट के अंदर जाकर एक प्रकार का जहर पैदा कर देते हैं. यदि भोज्य पदार्थों में जस्ता, सीसा और तांबा जैसी धातुओं की अशुद्धियां मिली हों तो भी फूड प्वाइजनिंग हो सकती है.
क्या होते हैं लक्षण
भोजन का विषैला होने के कई लक्षण होते हैं. जैसे सिर में चक्कर आना, उल्टी आना, दस्त लगना, सिर दर्द और थकान होना. कभी रोगी को धुंधला दिखाई देने लगता है, गला सूख जाता है. कोई चीज निगलने में कठिनाई होती है.
कई बार मौत भी हो जाती है
विषैले भोजन से कई बार स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि रोगी को लकवा भी मार सकता है. यदि समय पर इलाज नहीं किया जाए तो आदमी की मौत हो जाती है. बैक्टीरिया से होने वाले प्रभाव बहुत ही घातक होते हैं. बैक्टीरिया एक प्रकार के टॉक्सिक पैदा करते हैं, जो शरीर पर जहरीला प्रभाव डालते हैं. ऐस्परगिलस नाम फंगस से दूषित भोजन के जरिए फूड प्वाइजनिंग हो जाता है.
कैसे इससे बचें
भोजन के विषैले प्रभाव से बचने के लिए उसे साफ रखना बहुत जरूरी है. गेहूं,चना या दूसरे खाद्य पदार्थों को पानी से अच्छी धोकर इस्तेमाल लाएं या उसे पिसवाएं. कई बार हम जो बाहर से गेहूं का आटा खरीदते हैं, वो कीटाणु नाशक दवाइयों के प्रभाव वाला भी होता है, जो नुकसान पहुंचा सकता है.
सड़े-गले और बदबू वाले भोजन भूल कर भी नहीं करें. फलों और सब्जियों को पोटैशियम परमेंगनेट के घोल से धोकर खाना चाहिए. पैकेट वाले खानों और प्रोसेस्ड फूड पर एक्सपायरी जरूर देख लें. अगर विषैला भोजन करने के बाद आप बीमार हो जाएं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.
ये भी हो सकते हैं कारण
– कच्चा भोजन या अधपका भोजन (विशेष रूप से पोल्ट्री, पोर्क, बर्गर, सॉसेज और कबाब)
– ऐसा भोजन जो कि ‘आउट ऑफ़ डेट’ या सही ढंग से रेफ्रीजिरेटेड नहीं किया गया है
– ऐसा भोजन खाना है जिसे किसी दस्त या उल्टी के मरीज़ ने छुआ हो है
– क्रॉस कंटैमिनेशन (जहां रोगाणु एक दूषित भोजन से अन्य खाद्य पदार्थों में फैल जाता है).
यह भी पढ़ें : रिलीज के बाद ऑनलाइन लीक हुई राजामौली की ये 500 करोड़ की फिल्म।