समाजवादी पार्टी के नेता क्यों कोर्ट रूम में गश खा कर गिर पड़े?

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शुक्रवार को सपा नेता आरपी सिंह ने दोबारा एमपी-एमएलए कोर्ट में प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया, जिसे कोर्ट ने निरस्त करते हुए उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है. इसी बीच कोर्ट रूम में ही आईपी सिंह की तबीयत खराब हुई और वह गश खाकर गिर पड़े.

न्यूज जंगल डेस्क कानपुर : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह की जमानत याचिका शुक्रवार को एमपी एमएलए कोर्ट ने पुनः खारिज कर दी. गई है इस दौरान कोर्ट रुम में ही गश खाकर गिरे आईपी सिंह को अस्पताल में भर्ती करवाया गया इसके पहले गुरुवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने आईपी सिंह की अंतरिम जमानत के प्रार्थना पत्र को निरस्त कीया था । और उन्हें जेल भेजा गया था. आज शुक्रवार को आरपी सिंह ने पुनः एमपी-एमएलए कोर्ट में प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया, और जिसे कोर्ट ने निरस्त करते हुए उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है. इसी बीच कोर्ट रूम में ही आईपी सिंह की तबीयत खराब हुई थी और वह गश खाकर गिर पड़े. इन्हें पुलिस अभिरक्षा में जिला मेमोरियल अस्पताल लाया गया था जहां से आईपी सिंह को केजीएमयू लखनऊ रेफर किया गया है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह वर्ष 2000 में बलरामपुर में पंचायत चुनाव के दौरान बलवा के मामले में आरोपित चल रहे थे. इस मामले में कोतवाली देहात में मुकदमा अपराध संख्या 178/2000 पंजीकृत है.। औऱ पिछले 5 वर्षों से आईपी सिंह कोर्ट से लगातार गैरहाजिर चल रहे थे. इस दौरान न्यायालय ने इनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया था.। औऱ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी आईपी सिंह न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए थे जिसके बाद कोर्ट ने पहले 82 और फिर 83 की कार्यवाही की थी।

15 सितंबर गुरुवार को आईपी सिंह एमपी-एमएलए कोर्ट में उपस्थित हुए और अंतरिम जमानत याचिका दाखिल की जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था और आईपी सिंह को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज था . 16 सितंबर शुक्रवार को आरपी सिंह ने पुनः एमपी-एमएलए कोर्ट में प्रथम जमानत याचिका दाखिल की जिसे न्यायालय ने निरस्त कर दिया. कार्यवाही के दौरान ही आईपी सिंह की तबीयत खराब हुई और वह कोर्ट रूम में ही गश खाकर गिर पड़े थे आरपी सिंह को आनन-फानन में जिला मेमोरियल अस्पताल ले जाया गया, जहां से डाक्टरों ने इन्हें केजीएमयू लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया है ।

आईपीसी वर्ष 2000 में यूपी की भाजपा सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री थे और पंचायत चुनाव के दौरान वे जनपद बलरामपुर के दौरे पे थे. कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के गैजहवा गांव में इनके पहुंचने के बाद बलवा हो गया था. जिसमें आईपी सिंह को भी आरोपित किया गया था. इस संबंध में कोतवाली देहात में मुकदमा अपराध संख्या 178/2000 में दर्ज है. बाद में आईपी सिंह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे. वर्तमान में आईपी सिंह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी है।

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