Weather News: गुजर गए दिसंबर के दो हफ्ते, फिर भी गायब है सर्दी, कब तक चलेगी मौसम की ये बेरुखी….

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दिसंबर का महीना आ गया है और सर्दी का पता नहीं। इस बार मौसम जनता के साथ-साथ वैज्ञानिकों को भी कन्‍फ्यूज कर रही है। दिसंबर के लगभग दो हफ्ते गुजर चुके हैं, लेकिन वैसी ठंड पड़ ही नहीं रही है। इस समय दिन के वक्‍त अधिकतम तापमान….

National Desk: दिसंबर का महीना आ गया है और सर्दी का पता नहीं। इस बार मौसम जनता के साथ-साथ वैज्ञानिकों को भी कन्‍फ्यूज कर रही है। दिसंबर के लगभग दो हफ्ते गुजर चुके हैं, लेकिन वैसी ठंड पड़ ही नहीं रही है। इस समय दिन के वक्‍त अधिकतम तापमान 26-27 डिग्री के आसपास रह रहा है। वही मंगलवार को न्‍यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन के वक्‍त तेज धूप सुबह गर्म कपड़े पहनकर निकलने वालों को परेशान के रहे है। वही दूसरी ओर रात के वक्‍त भी न वैसा कोहरा है और न उतनी गलन। यह हाल केवल दिल्‍ली NCR का नहीं है बल्कि उत्‍तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब का भी है। शीतलहर के भी कोई संकेत नहीं है।

इसे लेकर मौसम विज्ञानी का कहना है कि नवंबर-दिसंबर में अभी तक पश्चिमी विक्षोभ गायब रहे हैं। ठंड में देरी की यह भी एक वजह हो सकती है। यहाँ तक कि हवाएं भी उतनी तेज नहीं चल रही हैं। वही एक न्यूज़ इंटरव्यू में IMD चीफ डॉ एम. मोहपात्रा ने कहा कि ‘ऐसा लगता है कि वेस्‍टर्न डिस्‍टरबेंस की फ्रीक्‍वेंसी और इंटेंसिटी इस बार उतनी तेज नहीं रहेगी।’ वेस्‍टर्न डिस्‍टरबेंस वो सिस्‍टम होते हैं जो उत्‍तर भारत में सर्दी के आने का संकेत देते हैं।

बता दे कि बारिश वाले ये तूफान मेडेटेरेनियन सी में बनते हैं और फिर पूर्व की ओर बढ़ते हुए हिमालय पर असर डालते हैं। इन्‍हीं के वजह से पहाड़ी राज्‍यों में बर्फबारी होती है। इसके अलावा उत्‍तर भारत में नवंबर से फरवरी के बीच बारिश के पीछे भी यही जिम्‍मेदार होते हैं। इन्‍हीं के कारण ठंड बढ़ती है। डेढ़-दो महीने से बारिश नहीं हुई और साफ आसमान के कारण सूरज की किरणें सीधे धरातल तक आ रही हैं, जिसकी वजह से जमीन गर्म होती है, वातावरण में गर्मी बढ़ती है और तापमान में गिरावट थम जाती है।

देखा जाये तो दिसंबर में इतनी कम सर्दी पड़ना असामान्‍य तो नहीं है। वही मौसम में इतना उतार-चढ़ाव पूरे साल रहता है। यह ला नीना वाला साल है और ऐसे में इस साल ठंड ज्‍यादा पड़नी चाहिए थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। IMD का पूर्वानुमान है कि मैदानी इलाकों तक ठंड पहुंचने में अभी समय लगेगा। दूसरी ओर ऊंचे पर्वतीय इलाकों में थोड़ी-बहुत बर्फबारी हुई है, लेकिन बाकी इलाके सूखे हैं। पहाड़ों पर बर्फबारी तेज होने से ही मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ती है। रिपोर्ट्स कि माने तो अगले कुछ दिनों में तापमान में 3-4 डिग्री की गिरावट के आसार हैं लेकिन कितनी ठंड बढ़ेगी, यह कहना मुश्किल है।

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