Google Chrome का करते है इस्तेमाल , तो हो जाओ सावधान मगर क्यों जाने…

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Google Chrome में कई खामियों को देखा गया है जिससे रिमोट अटैकर्स यूजर सिस्टम को एक्सेस कर सकते हैं।

न्यूज जंगल डेस्क कानपुर :— Google Chrome का इस्तेमाल कर रहे यूजर्स के लिए सरकारी एजेंसी इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने चेतावनी जारी की है.आपको बताते चलें कि मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी के तहत आने वाली CERT-In ने कहा है कि Google Chrome में कई सारी खामियों को देखा गया है जिनके जरिए दूर बैठे रिमोट अटैकर (हमलावर) टारगेट किए गए सिस्टम की सिक्योरिटी में सेंध लगा सकते हैं

गूगल क्रोम के सभी यूजर्स पर है खतरा? आपको बता दें कि क्रोम की इन खामियों से Google Chrome इस्तेमाल करने वाले सभी यूजर्स प्रभावित नहीं हैं सरकारी एजेंसी द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के मुताबिक…..गूगल क्रोम 104.0.5112.101 से पुराने वर्जन को चला रहे यूजर्स पर यह खतरा मंडरा रहा है। अगर आप भी गूगल क्रोम के पुराने वर्जन को इस्तेमाल कर रहे हैं तो हमारी सलाह है कि अपनी डिवाइस के ब्राउजर वर्जन को अपडेट कर लें..

बता दें कि एजेंसी ने आगे रिपोर्ट में कहा है. Google Chrome में इन खामियों की कुछ वजहें हैं. जिनमें FedCM SwiftShader, ANGLE, Blink,,Sign-in Flow, Chrome OS Shell. का फ्री इस्तेमाल आदि शामिल हैं’सरकारी साइबर एजेंसी का कहना है कि इन खामियों का फायदा उठाकर हैकर्स टारगेटेड सिस्टम पर स्पेशली क्राफ्टेड रिक्वेस्ट भेज सकते हैं बता दें कि जिससे अटैकर आर्बिटरी कोड एक्जिक्यूट कर सिस्टम के सिक्योरिटी रिस्ट्रिक्शन को बायपास करने में सक्षम होगा

एजेंसी ने आगे कहा कि खामी (CVE-2022-2856) तेजी से फैल रही है। और बता दें कि अपने सिस्टम पर पैच को तुरंत अप्लाई करने की सलाह भी दी गई है अच्छी बात है कि Google Chrome में पता चली इन खामियों के तुरंत बाद ही कंपनी ने इन्हें फिक्स कर दिया है।

आपको बता दें कि इससे पहले इसी हफ्ते CERT-In ने ऐप्पल यूजर्स के लिए भी चेतावनी जारी की थी। एजेंसी ने कहा था कि 15.6.1 से पुराने iOS और iPadOS वर्जन और 12.5.1 से पुराने वर्जन को चला रहे macOS यूजर्स पर खतरा है. चेतावनी में कहा गया था कि यूजर को क्राफ्ट की गई एक फाइल को खोलने पर मजबूर करने से दूर बैठा रिमोट अटैकर सिस्टम की सिक्योरिटी में सेंध लगा सकता है.

आपको बताते चलें कि ऐप्पल ने अपने आईफोन, आईपैड और मैकओएस में सामने आई इन सिक्योरिटी खामियों की जानकारी दी थी और कहा था कि अटैकर्स इन डिवाइस का पूरा कंट्रोल ले सकते हैं बता दें कि कंपनी ने कहा था कि उसे रिपोर्ट के बारे में पता है और अपने यूजर्स से सॉफ्टवेयर को लेटेस्ट वर्जन पर अपडेट करने की सलाह दी थी क्यूपर्टिनो बेस्ड कंपनी ने पहले ही इस समस्या से जुड़े दो सिक्योरिटी रिपोर्ट रिलीज कर दिए हैं

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