अफगानिस्तान सेना के पूर्व अधिकारी को टॉर्चर करते तालिबान का वीडियो वायरल, भड़के लोग
अफगानिस्तान सेना के एक पूर्व अधिकारी को टॉर्चर करते हुए तालिबान का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में पूर्व सरकार के एक सैन्य अधिकारी को प्रताड़ित करते हुए दिखाया गया है.
न्यूज़ जंगल डेस्क, कानपुर : अफगानिस्तान सेना के एक पूर्व अधिकारी को टॉर्चर करते हुए तालिबान का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में पूर्व सरकार के एक सैन्य अधिकारी को प्रताड़ित करते हुए दिखाया गया है. तालिबान ने अफगानिस्तान में सरकार के पूर्व कर्मचारियों को माफी का एलान किया था लेकिन इस वीडियो में तालिबान का अत्याचार एक बार फिर से सामने आ गया है. वीडियो में सेना के एक पूर्व अधिकारी को पीटते हुए दिखाया गया है. ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है.
सेना के पूर्व अधिकारी को टॉर्चर करते वीडियो वायरल
तालिबान द्वारा यातना देते हुए वीडियो वायरल होने के बाद इसकी कड़ी आलोचना हो रही है. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बड़ी संख्या में लोगों ने कहा है कि इस तरह की कार्रवाई साफ तौर से इस्लामिक अमीरात (Islamic Emirate) द्वारा सत्ता में आने के पहले दिनों में घोषित सामान्य माफी के विपरीत है. एक यूनिवर्सिटी के लेक्चरर हेकमतुल्लाह मिर्जादा (Hekmatullah Mirzada) ने कहा कि तालिाबन ने एक सामान्य माफी की घोषणा की थी और उम्मीद की जाती है कि वे इसे बरकरार रखेंगे क्योंकि वादों को पूरा करने से सरकार और लोगों के बीच आपसी विश्वास मजबूत होना जरूरी है.
सामान्य माफी लागू हो
अफगानिस्तान के एक पूर्व सैन्य अधिकारी रहमतुल्लाह अंदर (Rahmatullah Andar) ने कहा कि इस्लामिक अमीरात को अपने निचले स्तर के रैंकों और प्रांतों में प्रांतीय गवर्नरों और सुरक्षा विभागों के प्रमुखों के जरिए सामान्य माफी लागू करनी चाहिए. इस बीच तालिबान के टॉप लीडर में से एक अनस हक्कानी ( Anas Haqqani) ने कहा कि व्यक्तिगत बदला लेने से बचना चाहिए और सामान्य माफी का सम्मान किया जाना चाहिए.
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टॉर्चर को लेकर कड़ी आलोचना
पूर्व सरकारी सुरक्षा सदस्यों की हत्याओं और गिरफ्तारी के बारे में ह्यूमन राइट्स वॉच (Human Rights Watch) सहित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की ओर से पहले रिपोर्ट जारी की गई थी. तालिबान ने हालांकि इन खबरों को बार-बार खंडन किया है. राजनीतिक विश्लेषक सैयद बाकिर मोहसिनी ने कहा कि पूर्व सरकार के साथ संबंधों की वजह से लोगों को हिरासत में लेने और पूछताछ करने से सामाजिक हीनता के साथ साथ कई और समस्याएं बढ़ सकती हैं.