मार्च 2022 के बाद शुरू होगा भूमिगत मेट्रो ट्रैक का काम , हांगकांग से आयेगी मशीन

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न्यूज जंगल डेस्क। कानपुर। भूमिगत मेट्रो की सुरंग बनाने के लिए हांगकांग से टनल मशीन अब मार्च 2022 में यहां आएगी। इसका शेड्यूल तय हो गया है। यह मशीन पहले गुजरात आएगी और वहां से सड़क मार्ग द्वारा कानपुर लाई जाएगी। 

इस तरह बड़ा चौराहा से नयागंज तक भूमिगत ट्रैक बनाने का काम तीन माह आगे बढ़ गया है। पहले यह मशीन दिसंबर में ही यहां आने की सूचना थी। मगर अब जब तक मशीन नहीं आती तब तक भूमिगत स्टेशन बनाने का काम जारी रहेगा। नवीन मार्केट का काम शुरू हो ही चुका है। अब नरौना चौराहे के पास नयागंज भूमिगत स्टेशन का निर्माण शुरू होगा। इसके लिए ट्रैफिक डायवर्जन का भी ट्रायल चल रहा है। बड़ा चौराहा भूमिगत स्टेशन बाद में बनेगा। एक मशीन लखनऊ में सैम इंडिया की रखी है जो मंगाई जाएगी। इस तरह दो मशीनों से एक साथ काम शुरू होगा। 

पहले बृजेंद्र स्वरूप पार्क से चुन्नीगंज के बीच भूमिगत ट्रैक बनाने की योजना थी मगर अब बड़ा चौराहा से नयागंज के बीच शुरुआत करने का निर्णय लिया गया है। इसकी मुख्य वजह यह है कि इन दोनों भूमिगत स्टेशनों की दूरी अन्य स्टेशनों से कहीं ज्यादा है। इसके अलावा इन दोनों स्टेशनों के बीच सुरंग बनाना सबसे बड़ा चुनौतीपूर्ण है क्योंकि सबसे ज्यादा सघन आबादी इन्हीं स्टेशनों के बीच है। सैकड़ों मकान और पाइप लाइनों के नीचे से इस ट्रैक को ले जाना है। हालांकि, यह सुरंग जमीन से 20 मीटर नीचे से निकलेगी इसलिए इमारतों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने इसकी तैयारी कर ली है। बताते चलें कि मोती झील से नौबस्ता तक भूमिगत और एलीवेटेड ट्रैक पर 3176 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

नयागंज से ट्रांसपोर्टनगर भूमिगत ट्रैक के टेंडर 14 दिसंबर को खुलेंगे। इसमें एफ्कॉन इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा एल एंड टी और सैम इंडिया के साथ ही टाटा ग्रुप ने भी टेंडर डाला है। कानपुर में अभी तक बाकी बहुराष्ट्रीय फर्मों को मेट्रो का कोई न कोई टेंडर मिला है। इस बार टाटा ने अपनी मजबूत दावेदारी की है।

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