Haldwani में सड़कों पर उतरे हजारों लोग, जानें क्या है मामला कड़ाके की ठंड में भी क्यों बैठे हैं लोग

0

न्यूज जंगल डेस्क :- उत्तराखंड के हल्द्वानी रेलवे स्टेशन (Haldwani Railway Station) के पास बसे बस्ती के 4000 परिवारों के लिए नया साल अच्छा नहीं रहा, समाचार पत्र पिछले एक सप्ताह से रेलवे के जमीन पर अवैध अतिक्रमणों को खाली करने के लिए उत्तर-पूर्वी रेलवे (North-Eastern Railway) द्वारा जारी किए गए नोटिसों को छापा,चेतावनी दी गई कि अगर जगह खाली नहीं किया गया तो सभी अतिक्रमणों को ध्वस्त कर दिया जाएगा और अतिक्रमणकारियों (encroachers) से लागत वसूल की जाएगी।

इसके बाद लाउडस्पीकरों (loudspeakers) से बार-बार घोषणा की गई, लोगों को जमीन खाली करने के लिए कहा गया, गफूर बस्ती और ढोलक बस्ती, हल्द्वानी रेलवे स्टेशन (Haldwani Railway Station) के पास की झुग्गियों में व्यापक दहशत फैल गई? तब से, हल्द्वानी (Haldwani) में विरोध करने के लिए सैकड़ों लोग, ज्यादातर महिलाएं दोपहर की नमाज के बाद 8 जनवरी को होने वाली विध्वंस प्रक्रिया को रोकने की मांग कर रहे हैं।

5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

दरअसल बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) इस मामले में 5 जनवरी को याचिका पर सुनवाई करने वाला है, हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार (state government) से मांग करते हैं कि यह मानवीय समस्या है, इसे केवल कानूनी या राजनीतिक समस्या के तौर पर न देखा जाए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बस्तियों (settlements) के लिए मलिन बस्ती नियमितीकरण कानून बनाया था?

इलाके में 20 मस्जिद और 9 मंदिर…. पूर्व सीएम हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) मामले को लेकर हल्दानी (Haldwani) में उपवास पर बैठे हैं, रावत ने रेलवे भूमि के अतिक्रमण के मामले में कहा कि पुराने समय से रह रहे लोगों का पुनर्वास किया जाना जरूरी है, उत्तराखंड (Uttarakhand) हाई कोर्ट की तरफ से अतिक्रमण हटाने के आदेश के बाद इन अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 4300 से ज्यादा परिवारों को बेदखली का नोटिस भेजने की तैयारी है, इस इलाके में 20 मस्जिद और 9 मंदिर (Temple ) हैं?

बता दें कि रेलवे का दावा है कि उसके पास पुराने नक्शे, 1959 की एक अधिसूचना, 1971 के राजस्व रिकॉर्ड और 2017 के सर्वेक्षण के नतीजे हैं, जो जमीन पर अपना स्वामित्व साबित करते हैं, हालांकि, प्रदर्शनकारियों (protesters) का दावा है कि वे यहां पीढ़ियों से रह रहे हैं, कई परिवार जो दशकों से इन घरों में रह रहे हैं, वे इस आदेश (order ) का कड़ा विरोध कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें:-:Pathaan: फिल्म के रिलीज़ डेट पोस्टपोन होने का दावा निकला फर्जी, जाने किस दिन से शुरू होगी ‘पठान’ की एडवांस बुकिंग

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed