इस बार चिकनगुनिया ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, डरा रहे NVBDCP के ये आंकड़े…..

0

भारत में कोरोना महामारी के बाद डेंगू और चिकनगुनिया ने पैर पसार लिया हैं। इस साल न केवल डेंगू के मामले तेजी आई है बल्कि चिकनगुनिया के संदिग्‍ध मामले भी पिछले रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। यही वजह है कि इस बार अस्‍पताल दोनों के ही…..

Health Desk: भारत में कोरोना महामारी के बाद डेंगू और चिकनगुनिया ने पैर पसार लिया हैं। इस साल न केवल डेंगू के मामले तेजी आई है बल्कि चिकनगुनिया के संदिग्‍ध मामले भी पिछले रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। यही वजह है कि इस बार अस्‍पताल दोनों के ही बीमारियों के मरीजों से भरा है। हालांकि चिकनगुनिया के मरीजों की तादाद का बढ़ना काफी परेशान करने वाला है क्‍योंकि नेशनल सेंटर फॉर वेक्‍टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल (NVBDCP) के आंकड़े बताते हैं कि साल 2006 में देश में चिकनगुनिया के सबसे ज्‍यादा मामले दर्ज किए गए थे। जिसके बाद अब 2022 में यह बीमारी एक बार फिर से परेशान कर रही है।

NVBDCP के विशेषज्ञों की मानें तो पिछले कुछ सालों में हर साल डेंगू के मरीजों की संख्‍या काफी ज्‍यादा रहती है, वहीं साल 2017 से ही चिकनगुनिया के मरीजों का आंकड़ा काफी कम रहता है। इतना ही नहीं चिकनगुनिया के संदिग्‍ध मरीजों की संख्‍या भी काफी कम रही है, लेकिन साल 2022 के आंकड़े बताते हैं कि इस बार देश में चिकनगुनिया के संदिग्‍ध मामले लगभग डेंगू मामलों के बराबर पहुंच गए हैं।

NVBDCP के अनुसार इस बार 31 अक्‍टूबर 2022 तक चिकनगुनिया के कुल कन्‍फर्म केसेज 5320 हैं, जबकि संदिग्‍ध मामलों की संख्‍या 108957 तक पहुंच गई है। पिछले साल की बात करे तो 2021 में चिकनगुनिया के संदिग्‍ध मरीजों की संख्‍या 119070 थी, वहीं कुल कन्‍फर्म केस 11890 थे। साल 2020 में चिकुनगुनिया का प्रकोप काफी कम था लेकिन एक चीज जो आंकड़ों में देखी जा सकती है वह ये है कि इस बार संदिग्‍ध केस 2017 के बाद दूसरे सबसे ज्‍यादा हैं। सिर्फ अक्‍टूबर तक के आंकड़े पिछले साल से कुछ हजार ही कम हैं।

MCD दिल्‍ली के पूर्व एडिशनल एमएचओ डॉ. सतपाल ने बताया कि इस बार चिकनगुनिया के ज्‍यादा मरीज सामने आ रहे हैं। जहां दिल्‍ली-एनसीआर में ये मरीज बढ़े हैं वहीं देश के कुछ राज्‍य ऐसे हैं जहां चिकनगुनिया हर साल ही अपना कहर बरसाता है। NVBDCP के आंकड़े देखें तो इस साल कन्‍फर्म केसेज गुजरात में 852, कर्नाटक में 1789, महाराष्‍ट्र में 865 सामने आए हैं, वहीं राजस्‍थान, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, मध्‍य प्रदेश आदि राज्‍यों में भी चिकुनगुनिया फैल रहा है।

इसपर डॉ. सतपाल कहते हैं कि चिकनगुनिया मारक बीमारी नहीं है, लेकिन इस वजह से दुखदायी है कि इसका पोस्‍ट चिकनगुनिया इफैक्‍ट लोगों को काफी दिनों तक परेशान करता है। इसके मरीजों को जोड़ों के दर्द की समस्‍या रहती है जो कई बार अर्थराइटिस या गठिया का रूप भी ले लेती है। दर्द की ये प्रक्रिया कई सालों तक रहती है, जैसा कि पिछले चिकनगुनिया से पीड़‍ित मरीजों में देखा गया है।

यह भी पड़े: अब ‘कॉमन ITR फॉर्म’ के साथ आसान होगा इनकम टैक्स रिटर्न भरना, जाने क्या है एक्सपर्ट्स की राय….

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *