होलिका दहन का ये है उत्तम तिथि,, जानें काशी के ज्योतिषाचार्यों से शुभ मुहूर्त  

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होलिका दहन इस साल 17 मार्च, गुरुवार को है, भद्रा के कारण होलिका दहन के शुभ मुहूर्त को लेकर असमंजस की स्थिति है . जाने ज्योतिषाचार्यों से.

Holika Dahan Muhurat 2022: होलिका दहन का ये है उत्तम मुहूर्त, जानें काशी के ज्योतिषाचार्यों का मत

न्यूज़ जंगल नेटवर्क, कानपुर : होलिका दहन इस साल 17 मार्च, गुरुवार को है। इस साल भद्रा के कारण होलिका दहन के शुभ मुहूर्त को लेकर असमंजस की स्थिति है। यही कारण है कि होलिका दहन का मुहूर्त हर कोई अलग-अलग बता रहा है। ऐसे में आम लोग यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि आखिर होलिका दहन किस मुहूर्त में करना चाहिए।जानें काशी के ज्योतिषाचार्यों का मत-

होलिका दहन कब किया जाता है?

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, होलिका दहन हमेशा फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल में भद्रा रहित मुहूर्त में किया जाना चाहिए। अगर प्रदोष काल में भद्रा है, तो भद्रा समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन करना चाहिए। भद्रा को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना गया है। इस दौरान शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है।

फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को दोपहर 01 बजकर 29 मिनट से प्रारंभ होगी, जिसका समापन 18 मार्च को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर होगा। भद्रा प्रारंभ 17 मार्च को दोपहर 01 बजकर 02 मिनट से और समापन 17 मार्च को देर रात 12 बजकर 57 मिनट पर होगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 17 मार्च को रात 12 बजकर 57 मिनट के बाद से है।

भद्रा पूंछ और मुख दोनों ही अशुभ-

कुछ लोगों का मत है कि भद्रा की पूंछ में होलिका दहन किया जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। भद्रा का समय अशुभ और अमंगलकारी माना गया है।

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