उज्जैन संभाग में नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लक्षण बिल्कुल अलग

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 कोरोना स्पेशलिस्ट डॉक्टर रौनक एलची के मुताबिक वर्तमान में पॉजिटिव मरीज घबराहट, उल्टी और दस्त जैसी शिकायतें भी कर रहे हैं. पहली और दूसरी लहर में इस प्रकार की शिकायतें नहीं आई थी.

न्यूज़ जंगल नेटवर्क, कानपुर:- कोरोना की तीसरी लहर में मरीजों के बदलते लक्षण ने डॉक्टरों को चिंतित कर दिया है. खासतौर पर उज्जैन संभाग में सामने आ रहे पॉजिटिव मरीजों के लक्षण बिल्कुल बदले हुए दिखाई दे रहे हैं. डॉक्टर वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए संक्रमण से बचाव के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील कर रहे हैं.

कोरोना की पहली और दूसरी लहर में उज्जैन संभाग के कई जिले हॉटस्पॉट बनकर उभरे थे. कोरोना हॉटस्पॉट में उज्जैन शहर के साथ-साथ रतलाम भी शामिल है. वर्तमान में कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए मरीजों के लक्षण बदलाने की खबरें सामने आ रही हैं.

कोरोना स्पेशलिस्ट डॉक्टर रौनक एलची के मुताबिक वर्तमान में पॉजिटिव मरीज घबराहट, उल्टी और दस्त जैसी शिकायतें भी कर रहे हैं. पहली और दूसरी लहर में इस प्रकार की शिकायतें सामने नहीं आई थी. उनका कहना है कि उस समय सर्दी, जुखाम और बुखार की शिकायतें आने पर ही लोग कोरोना पॉजिटिव निकल रहे थे. डॉक्टर रौनक एलची के मुताबिक उज्जैन शहर ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों से आने वाले मरीज भी इस तरह की शिकायतें कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि खासतौर पर पहली और दूसरी और तीसरी लहर में बुखार की शिकायत सामान्य है. 

इन परिस्थितियों में कोविड टेस्ट कराने की सलाह

डॉक्टर की सलाह है कि बुखार के साथ-साथ उल्टी, दस्त या अन्य बीमारी से ग्रसित मरीज सबसे पहले कोविड टेस्ट जरुर करवाए. इसके अलावा होम आइसोलेशन में रहे ताकि परिवार के दूसरे लोग संक्रमित ना हों. बीमार व्यक्ति को घर में भी मास्क पहनने की बेहद जरुरत है. 

आराम मिलने पर भी न छोड़ें दवाई का पूरा डोज

डॉक्टर रौनक एलची ने बताया कि मरीजों को दवा का पूरा डोज लेना बेहद जरुरी है. कई लोग थोड़ा आराम मिलने पर दवा लेना बंद कर देते हैं. लेकिन दवा तब तक पूरी तरह असरकारक नहीं रहती है तब जब तक कि पूरा डोज न लिया जाए. इसलिए कोरोना काल में सबसे ज्यादा आवश्यकता समय पर दवा लेने के साथ साथ पूरा डोज लेने की है. 

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