सुपरटेक ट्विन्स टावर के गिरने पर फिर लटकी तलवार, जानें वजह
साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से सुपरटेक ट्विन्स टावर लगातार चर्चाओं में बना हुआ है. एक लम्बी प्रक्रिया के बाद इसी महीने 22 मई को टावर गिराए जाने थे.
न्यूज जंगल नेटवर्क, कानपुर :साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से सुपरटेक ट्विन्स टावर लगातार चर्चाओं में बना हुआ है. एक लम्बी प्रक्रिया के बाद इसी महीने 22 मई को टावर गिराए जाने थे. ट्रायल ब्लास्ट भी हो चुका है. लेकिन ऐन वक्त पर टावर गिराने वाली एजेंसी ने हाथ खड़े कर दिए हैं. एजेंसी ने टावर गिराने के लिए तीन महीने का और वक्त मांगा है. लेकिन नोएडा अथॉरिटी ने अतिरिक्त वक्त देने से इंकार कर दिया है. अथॉरिटी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में 22 मई को टावर गिराने का हलफनामा दिया जा चुका है. इसलिए 22 मई की तारीख को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है.
40-40 मंजिल के हैं अपैक्स और सियान टावर
सुपरटेक बिल्डर पर आरोप है कि उसने ग्रीन बेल्ट और ओपन एरिया में अवैध तरीके से दो अपैक्स और सियान टावर खड़े कर दिए हैं. हर एक टावर 40-40 मंजिल का है. इसकी शिकायत खुद एमरॉल्ड सोसाइटी में रहने वालों ने की थी. इसके बाद यह केस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. जहां हाल ही मैं सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला देते हुए नोएडा अथॉरिटी को आदेश दिया था कि वह 30 नवंबर तक सुपरटेक के दोनों अपैक्स और सियान टावर को तोड़े.
बिल्डिंग गिराने के लिए ऐसे लगाया जाता है विस्फोटक
बिल्डिंग गिराने के लिए बीम और कॉलम में विस्फोटक भरे जाते हैं. कॉलम और बीम को वी शेप में काटा जाता है. फिर उसके अंदर विस्फोटक की छड़ रख दी जाती है. विस्फोटक ग्राउंड फ्लोर से लेकर 1 और 2 फ्लोर तक तो लगातार विस्फोटक रखा जाता है. लेकिन उसके बाद 4-4 फ्लोर का गैप देकर जैसे दूसरे के बाद 6 पर और 6 क बाद 10, 14, 18 और 22वें जानकारों की मानें तो किसी भी हाईराइज बिल्डिंग को गिराने के लिए उसके कॉलम और बीम में फ्लोर पर विस्फोटक भरा जाएगा. सूत्रों की मानें तो इसके लिए पूरी बिल्डिंग में करीब 7 हजार छेद किए जाएंगे.
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