छपरा में जहरीली शराब से अब तक तीस लोगों की मौत,कोई चंदा मांग कर जला रहा शव तो किसी के थम नहीं रहे आंसू

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छपरा शराबकांड ने सबसे अधिक गरीबों पर कहर बरपाया है. कोई चंदा मांगकर शव को जला रहा है तो कोई ठंड में आग जलाने के लिए रखे लकड़ी से शवों का अंतिम संस्कार कर रहा है. रोने और सिसक की आवाज को छोड़ दिया जाए तो मृतकों के घर पर सन्नाटा पसरा हुआ है. परिवार वालों के चेहरे पर अपनों के बिछड़ने का गम है और उनके आंखों से लगातार आंसू बह रहे हैं ।

न्यूज जंगल नेशनल डेस्क : शराबबंदी वाले बिहार के छपरा यानी सारण जिले में जहरीली शराब ने कहर बरपा दिया है . सारण जिले में शराब माफियाओं ने आम लोगों की जिंदगी से ऐसा खतरनाक खेल खेला कि देखते ही देखते जिले में 30 से अधिक लोगों की मौत हो गईं है । अब तक के आंकड़ों के मुताबिक, छपरा जिले के मशरक और इसुआपुर थाना क्षेत्र में महज दो दिन के भीतर 30 से अधिक लोगों ने जहरीली शराब की वजह से जान गंवा दिया है, जबकि अब भी कई लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है और अब तक 17 लोगों का पोस्टमार्टम हो चुका है । और छपरा शराबकांड ने सबसे अधिक गरीबों पर कहर बरपाया है. कोई चंदा मांगकर शव को जला रहा है तो कोई ठंड में आग जलाने के लिए रखे लकड़ी से शवों का अंतिम संस्कार कर रहा है । और रोने और सिसक की आवाज को छोड़ दिया जाए तो मृतकों के घर पर सन्नाटा पसरा हुआ है । परिवार वालों के चेहरे पर अपनों के बिछड़ने का गम है और उनके आंखों से आंसू थम नही रहे हैं ।

लगातार बढ़ रही मृतकों की संख्या
छपरा में अब नए इलाके से भी शराब से मौत के मामले सामने आने लगे हैं । और शराब की वजह से मढ़ौरा में तीन लोगों की मौत हुई है । जबकि एक दर्जन से अधिक लोग बीमार हैं । जिसमें 4 को छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है । बुधवार को मढ़ौरा के लालापुर निवासी सुरेंद्र महतो और धुरेन्द्र महतो की तबीयत बिगड़ गई है । और सीने में दर्द और आंख की रोशनी जाने की शिकायत के बाद परिजन मढ़ौरा रेफरल अस्पताल लेकर पहुंचे थे स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए छपरा सदर अस्पताल रेफर किया है और वहीं, बुधवार रात ही मढौरा के खरौनी निवासी बिक्रम राज की मौत हो गई थी मढौरा रेफरल अस्पताल में करीब एक दर्जन लोग इलाज के पहुंचे और अधिकांश लोगों को आंख से कम दिखने और सीने में दर्द की शिकायत थी। और डॉक्टरों ने सभी की प्राथमिक जांच कर बेहतर इलाज के लिए छपरा सदर अस्पताल रेफर किया है जहां सभी का इलाज जारी है ।

शराब बेचने वाले को भी काल ने नहीं छोड़ा
बिहार में जिन महिलाओं के लिए शराबबंदी करी गई थी । और उन महिलाओं के आंखों में आंसू नजर आ रहे हैं । और छपरा के मढ़ौरा की रहने वाली बबीता देवी के परिवार के तीन सदस्यों की शराब के कारण मौत हो गई है । बताया गया कि सबने विवाह समारोह में शराब पी थी । और जिसके बाद एक-एक कर सबकी तबीयत बिगड़ने लगी थी बबीता देवी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं । अपने पति के शव के पास विलाप कर रही कविता देवी का कहना है कि सरकार शराबबंदी के नाम पर सिर्फ नाटक कर रही है. वहीं, अस्पताल में मौजूद महिलाओं का भी रो-रोकर बुरा हाल है ।

चंदा मांगकर कर रहे अंतिम संस्कार
छपरा के महुली गांव समेत आसपास के इलाकों में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 30 पार कर चुकी है । और बताया जा रहा है कि मरने वाले सभी गरीब लोग हैं और जिनके पास लाश जलाने के लिए भी पैसा नहीं है. मृतकों के परिजन अब चंदा मांगकर लाश को जला रहे हैं । वहीं कुछ लोग घरों में ठंड से बचने केलिए जो लकड़ियां रखी थी, अब लाश जलाने में उसका इस्तेमाल कर रहे हैं । महुली गांव के लोगों ने बोला कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद सरकार की तरफ से कोई भी आर्थिक मदद इन परिवारों को नहीं मिली है । यहां तक कि लाश जलाने के लिए कबीर अंत्येष्टि योजना का लाभ भी प्रभावित परिवारों को नहीं दी जा रही है ।

गांव में तहकीकात करने पर पता चला कि शराब माफिया अपनी शराब की खेप हर गांव में खपाते हैं । और ऐसा ही एक परिवार मंजू देवी का है । और मंजू देवी खुद शराब बेचने का काम करती थीं । शराब माफिया यहां शराब की खेप पहुंचाते थे और बेचने के बाद पैसा लेकर जाते थे. आज मंजू देवी खुद जहरीली शराब का शिकार हो गई है । और लोग अपनों को आनन-फानन में लेकर अस्पताल भाग रहे हैं । गांव वालों ने खुलकर बताया कि मंजू देवी शराब बेचती थी और इसुआपुर थाना के चौकीदार हरी राय हर महीने 3 हजार रुपए लेकर जाता है । और गांव वालों ने पुलिस में कई बार इसकी शिकायत भी करी तो उन्हें डांटकर भगा दिया गया है ।

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