विधि मंत्रालय ने इस विषय पर व्यापक शोध अध्ययन के लिए न्यायिक अकादमियों, कानून विश्वविद्यालयों, आईआईएम और आईआईटी से प्रस्ताव मांगे हैं. इस मामले में कानून मंत्रालय का कहना है कि प्रस्ताव मंगाने का मकसद, अदालत में वकीलों और उल्लघंनकर्ताओं की मौजूदगी को समाप्त करना है ताकि अदालत में आने वालों की भीड़ को कम किया जा सके. इससे जुडे प्रस्ताव को 1 अगस्त की तारीख तक जमा किया जा सकता है.
News Jungal Desk: जल्दी, भारत में 24×7 वर्चुअल अदालत लगेगी, जहां पर ट्रैफिक चालान के अलावा भी कई अन्य मामलों का निपटारा किया जा सकेगा. वर्तमान में यह वर्चुअल अदालत केवल ट्रैफिक चालान का मामला को ही देखती है. अब विधि मंत्रालय ने इस विषय पर व्यापक शोध और अध्ययन के लिए न्यायिक अकादमियों, कानून विश्वविद्यालयों, आईआईएम और आईआईटी से प्रस्ताव और सुझाव आमंत्रित किए हैं.
इस मामले में कानून मंत्रालय का कहना है कि प्रस्ताव मंगाने का मकसद, अदालत में वकीलों और उल्लघंनकर्ताओं की मौजूदगी को समाप्त करना है ताकि अदालत में आने वालों की भीड़ को कम किया जा सके. इससे जुडे प्रस्तावों को 1 अगस्त तक जमा किया जा सकता है.
जज करेंगे वर्चुअली सुनवाई
खास बात यह है कि वर्चुअल अदालत को वर्चुअल जजों द्वारा ही देखा जाएगा, मंत्रालय के मुताबिक इनका अधिकार क्षेत्र पूरे राज्य तक बढ़ाया जा सकेगा और 24/7 काम होगा. इस तरह किसी भी मामले की सुनवाई के लिए ना तो वादी को अदालत में उपस्थित होने की ज़रूरत होगी और ना ही जज को शारीरिक रूप से अदालत मेें आना होगा. इस तरह से अदालत का कीमती समय भी बच सकेगा.
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मैं कानपुर से हूँ। अमर उजाला व दैनिक जागरण में पिछले 17 सालों से जुड़ा था । मैं दिल्ली, मेरठ और कानपुर में अखबार की टीम हैंडल कर चुका हूं। नोयडा अमर उजाला में ब्यूरो चीफ और मेरठ में अमर उजाला के कॉम्पेक्ट अखबार का एडिटोरियल हेड था। न्यूज़ कंपनी News Jangal Media Pvt. Ltd. चला रहा हूँ। 2019 से मैं Pebble में बतौर रेजिडेंट एडिटर, कानपुर भी काम कर चुका हूं।