राजस्थान : गहलोत समर्थकों पर कांग्रेस जल्द करेगी फैसला,जल्द होगी बैठक

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कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक के समानांतर दूसरी बैठक बुलाने के मामले में जल्द ही विचार कर आगे का कदम उठा सकती है. सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक उन तीनों नेताओं के जवाब समिति को मिल गए हैं जिन्हें गत 27 सितंबर को नोटिस जारी किए गए थे ।

न्यूज जंगल डेस्क कानपुर : कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक के समानांतर दूसरी बैठक बुलाने के मामले में जल्द ही विचार करेगी और आगे का कदम उठा सकती है । सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक उन तीनों नेताओं के जवाब समिति को मिल गए हैं जिन्हें गत 27 सितंबर को नोटिस जारी किया था । पार्टी सूत्रों ने यह भी बताया कि गहलोत के वफादारों–संसदीय मामलों के मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचेतक महेश जोशी और राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के जवाब मिलने के बाद अब अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति की जल्द बैठक होगी इसमें आगे की कार्रवाई पर विचार किया जाएगा ।

कांग्रेस के एक विश्वस्त सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि तीनों नेताओं के जवाब मिल चुके है । . जल्द ही समिति की ऑफलाइन या ऑनलाइन बैठक होगी और जिसमें आगे की कार्रवाई के बारे में विचार किरा जाएगा । और कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति द्वारा धारीवाल, जोशी और राठौड़ को 27 सितंबर की रात को उनकी ‘गंभीर अनुशासनहीनता’ के लिए नोटिस जारी किया गया था और उन्हें 10 दिनों के भीतर यह बताने को कहा गया था कि उनके खिलाफ क्यों ना कार्रवाई करी जाए।

गहलोत के वफादार नेताओं को दिए गए नोटिस
उल्लेखनीय है कि गहलोत के तीनों वफादार नेताओं को 25 सितंबर को जयपुर में धारीवाल के आवास पर कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के विधायकों की समानांतर बैठक करने के बाद नोटिस दिया गया था । यह नोटिस, पर्यवेक्षक बनकर आए अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे की रिपोर्ट के बाद जारी हुए थे. । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव में खड़े होने की घोषणा के बाद उनका उत्तराधिकारी चुनने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से एक प्रस्ताव को पारित करने के लिए कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक मुख्यमंत्री आवास पर हुयी थी ।

गहलोत ने सोनिया से मांगी थी माफी
गहलोत के वफादार विधायक चाहते थे कि अगर गहलोत को बदलना पड़ा तो जिन 102 विधायकों ने जुलाई 2020 में संकट के दौरान अशोक गहलोत सरकार का समर्थन किया था उनमें से किसी भी विधायक को मुख्यमंत्री चुना जाए । और जुलाई 2020 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने 18 समर्थक विधायकों के साथ अशोक गहलोत के नेतृत्व को लेकर बगावत करी थी । गौरतलब है कि गहलोत ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सीएलपी की बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित नहीं हो पाने के लिए माफी मांगी थी.

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