उत्तराखंड में बारिश का अलर्ट चारधाम जाने वाले तीर्थयात्रियों को रोका गया
उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा है कि मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए चारधाम यात्रा पर पहुंचे यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रुकने को कहा गया हैं।
न्यूज जंगल डेस्क कानपुर : उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम करवट लेने लगा है और पहाड़ों में फिर आफत का दौर दिखना शुरू हो गया है. चमोली ज़िले में गुरुवार से मौसम बदल गया है . देर रात से शुरू हुई लगातार बारिश आज शुक्रवार की सुबह तक जारी है, जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त है. बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर कई जगह मलबा आ जाने से सड़क मार्ग पर तीर्थ यात्रियों के वाहन फंसे हैं. चमोली ज़िले में बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पागल नाला, गोविंदघाट, लामबगड़, हनुमानचट्टी के पास मलबा आने से ठप है.
हाईवे के ठप होने से ऋषिकेश से बद्रीनाथ व हेमकुंड जाने वाली यात्री रात से ही परेशान हो रहे हैं. टंगड़ी पागल नाला में पहाड़ों से मलबा नाले के साथ बहकर सड़क पर आया, है जिससे वहां एक वाहन दलदल में फंस गया. घंटों तक वाहन को निकालने की कोशिश करी गई, लेकिन मौके पर जेसीबी मशीन न होने की वजह से बाद में यात्रियों ने ही बमुश्किल धक्का मारकर किसी तरह वाहन को दलदल से निकाला. और यह वाहन जोशीमठ की तरफ आ रहा था।
पहाड़ों से लैंडस्लाइड का डर बढ़ा
इधर, जोशीमठ से लेकर बद्रीनाथ धाम तक तीन जगह पर रास्ता खास तौर से ठप है और मलबा आने से बद्रीनाथ धाम से ऋषिकेश की तरफ लौट रहे लोगों की फजीहत हो रही है. और मौके पर एनएच व पीडब्ल्यूडी विभाग ने मार्ग खोलने के लिए मशीनें लगाई हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश से पहाड़ों से भी बोल्डर आदि गिरने का डर बना हुआ है. एक यात्री बृजेश चौधरी ने बताया कि पहाड़ों में लगातार बारिश से मलबा गिर रहा है, जिससे उनके वाहन फंस गए हैं. समय रहते मार्ग खोलने के लिए मशीनें भी नहीं पहुंच रहीं है .
मसूरी, सहस्त्रधारा में स्कूलों की छुट्टी
पहाड़ों के साथ ही मैदानों में भी तेज़ बारिश हो रही है. देहरादून रीजन में बारिश को देखते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी ने मसूरी और सहस्रधारा क्षेत्रों के स्कूलों में छुट्टी कर दी है और बच्चों को घरों पर ही सुरक्षित रहने को बोला है. आपको बता दें कि इससे पहले मौसम विभाग ने 3 सितंबर तक उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी देते हुए अलर्ट जारी किया था और संबंधित विभागों को एडवाइज़री भी भेजी गई थी.
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