कतर ने 8 भारतीय सैनिकों को सुनाई मौत की सजा,विदेश मंत्रालय तलाश रहा कानूनी विकल्प

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कतर की राजधानी दोहा में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को मौत की सजा सुनाई दी गई है.जो हैरान करने वाली खबर है।

News Jungal Health Desk : कतर Queue की राजधानी दोहा में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को मौत की सजा सुनाई गई है.जो हैरान करने वाली खबर सामने आयी है।कतर की सरकार ने 1 वर्ष पूर्व भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियो को इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। अचानक कतर की अदालत ने सभी 8 अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई है। यह भारत सरकार को बहुत ही हैरान करने वाली बात है। सरकार नौसेना अधिकारियो को रिहा कराने के रास्ते खोज रही है।

कतर ने नौसेना अधिकारियों को जासूसी के आरोप में 1 वर्ष से अधिक समय से वहीं कैद कर रखा है। बता दें कि इन लोगों में कई ऐसे अधिकारी भी शामिल हैं, जिन्होंने भारतीय नौसेना में रहते हुये प्रमुख भारतीय युद्धपोतों की कमान संभाली थी।

सैनिकों के नाम कुछ इस प्रकार हैं

नौसेना के जिन आठ अफसरों को मौत की सजा सुनाई गयीं है उनके नाम- कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदू तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और राजेश हैं.इन सभी पूर्व अफसरों ने भारतीय नौसेना में 20 साल तक सेवा दी थी. नेवी में रहते हुए उनका कार्यकाल बेदाग रहा है .

क्या है पूरा मामला

भारतीय नौसेना में विभिन्न पदों पर काम कर चुके इन पूर्व अधिकारियों पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है।पिछले साल 25 अक्टूबर को मीतू भार्गव नाम की महिला ने ट्वीट कर बताया था कि भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसर 57 दिन से कतर की राजधानी दोहा में गैर-कानूनी तरीके से गिरफ्तार कर लिए गया है इन अफसरों पर कथित तौर पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप लगा है.

भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान

विदेश मंत्रालय (MEA) ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वह इस मामले को ‘बहुत महत्व’ दे रहा है और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे शुरू में जानकारी मिली कि कतर की एक अदालत ने आज अल दाहरा कंपनी के आठ भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में फैसला सुनाया है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम मौत की सजा सुनाए जाने के फैसले से बेहद स्तब्ध हैं और फैसले के विस्तृत ब्योरे की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हम परिवार के सदस्यों और कानूनी दल के संपर्क में हैं। कतर में भारत के राजदूत ने राजनयिक पहुंच मिलने के बाद एक अक्टूबर को जेल में बंद इन भारतीयों से मुलाकात की थी।

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