जमीन से अंतरिक्ष तक कहीं भी मार करेगी पृथ्वी-2 मिसाइल,

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10 जनवरी 2023 की रात ओडिशा के चांदीपुर से भारत ने कम दूरी की परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल Prithvi-2 का सफल परीक्षण किया. मकसद था रात में हमला करने की क्षमत… सटीकता की जांच करना. पृथ्वी-2 मिसाइल हर मानकों पर खरी उतरी. आइए जानते हैं भारत की इस घातक मिसाइल की ताकत…

न्यूज जंगल नेशनल डेस्क :भारत के स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड ने ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल परीक्षण किया है जानबूझकर रात में करी गई ताकि सटीकता और मारक क्षमता की जांच करी जा सके है । यह एक यूजर ट्रेनिंग लॉन्च था. । यानी कमांड में आए नए अधिकारियों को मिसाइल लॉन्चिंग की ट्रेनिंग दी गई है । और साथ ही मिसाइल की क्षमताओं की जांच करी गई है ।

मिसाइल की मारक रेंज 350 किलोमीटर है । और यह मिसाइल सिंगल स्टेज लिक्विड फ्यूल मिसाइल है । और इसकी नाक पर यानी ऊपरी हिस्से पर आप 500 से 1000 किलोग्राम के के पारंपरिक या परमाणु हथियार लगा सकते हैं । और यह दुश्मन के एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल टेक्नोलॉजी को धोखा देने में सक्षम है । और साल 2019 से अब तक चौथी बार इसकाके पारंपरिक या परमाणु हथियार लगा सकते हैं । और यह दुश्मन के एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल टेक्नोलॉजी को धोखा देने में सक्षम है । और साल 2019 से अब तक चौथी बार इसका यूजर नाइट ट्रायल किया गया है । हर बार इसने सफलतापूर्वक टारगेट को ध्वस्त किया है ।

पृथ्वी-2 मिसाइल स्ट्रैप-डाउन इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम पर काम करता है. यानी सटीकता में 10 मीटर सर्कुलर एरर पॉसिबिलिटी है. इन्हें लॉन्च करने के लिए 8×8 टाटा ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर की मदद ली जाती है. असल में Prithvi-2 मिसाइल का असली नाम SS-250 है । और इसे भारतीय वायुसेना के लिए बनाया गया था । जबकि,पृथ्वी-1 को थल सेना और पृथ्वी-3 को नौसेना के लिए बनाया गया था ।

इसी मिसाइल सिस्टम को बेस बनाकर डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने Pralay Missile, पृथ्वी एयर डिफेंस (PAD) यानी प्रद्युम्न बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्टर का कॉन्सेप्ट बनाया है । उसे साकार भी किया है । अब प्रलय मिसाइल को भी चीन सीमा पर तैनात करने की हरी झंडी मिल गई है. जहां तक बात रही PAD की तो ये ऐसे मिसाइल हैं । जो वायुमंडल के बाहर जाकर दुश्मन की मिसाइल को ध्वस्त कर सकते हैं. वह भी 6174 किमी प्रतिघंटा की गति से है ।

अंतरिक्ष में दुश्मन के सैटेलाइट को मार गिराने के लिए मार्च 2019 में किया गया है । मिशन शक्ति भी पृथ्वी मिसाइल की तकनीक पर ही बना है । और एंटी-सैटेलाइट वेपन (ASAT) मिसाइल एक पृथ्वी मिसाइल का ही अपग्रेडेड वर्जन था । और जिसने अंतरिक्ष में एक पुराने निष्क्रिय सैटेलाइट को ध्वस्त किया था ।

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