ओमिक्रोन को लेकर बढ़ रही दहशत, कोरोना की स्थिति पर PM Modi कल करेंगे बैठक

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भारत में कोरोना का ओमिक्रोन वेरिएंट ‘डबल सेंचुरी’ लगा चुका है. कोरोना के मामले 214 तक पहुंच चुके हैं…

 न्यूज़ जंगल डेस्क, कानपुर : भारत में कोरोना का ओमिक्रोन वेरिएंट ‘डबल सेंचुरी’ लगा चुका है. कोरोना के मामले 214 तक पहुंच चुके हैं. पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार को एक बैठक करेंगे, जिसमें देश में कोविड की स्थिति को लेकर समीक्षा की जाएगी. कोरोना को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों से कदम उठाने को कहा है. दिल्ली और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 54-54 मामले हैं. 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के मुताबिक 214 मरीजों में से 90 ठीक होने के बाद घर जा चुके हैं. तेलंगाना में ओमिक्रोन के 24 मामले हैं. वहीं कर्नाटक में 19, राजस्थान में 18, केरल में 15, गुजरात में 14 मरीज हैं. जम्मू-कश्मीर में 3 ओमिक्रोन मरीजों की पुष्टि हुई है. जबकि ओडिशा, आंध्र प्रदेश व यूपी में 2-2 मामले हैं. चंडीगढ़, लद्दाख, तमिलनाडु और प.बंगाल में एक-एक ओमिक्रोन का मरीज है. 

बुधवार को पिछले 24 घंटे के दौरान 6,317 नए कोविड केस सामने आए. 318 लोगों ने दम तोड़ दिया और 6,906 लोग ठीक होकर घर चले गए. भारत में फिलहाल 78,190 एक्टिव कोरोना केस हैं. 

केंद्र ने राज्यों को लिखा खत

केंद्र सरकार ने बढ़ते ओमिक्रोन मामलों पर चिंता जताई है. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिवों को खत लिखा है, जिसमें ओमिक्रोन की रोकथाम को लेकर कदम उठाने को कहा गया है. खत में कहा गया है कि मौजूदा वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर, ओमिक्रोन डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कम से कम 3 गुना अधिक संक्रामक है. 

इसके अलावा, डेल्टा अभी भी देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद है. इसलिए, स्थानीय और जिला स्तर पर और भी अधिक दूरदर्शिता, डेटा विश्लेषण, तुरंत फैसले और सख्त और तेज नियंत्रण कार्रवाई की जरूरत है. राज्य और जिला स्तर पर तेजी से फैसले लेने होंगे.

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खत में आगे कहा गया कि जिला स्तर पर कोविड-19 से प्रभावित जनसंख्या, भौगोलिक प्रसार, अस्पताल के बुनियादी ढांचे और कंटेनमेंट जोन की लगातार समीक्षा होनी चाहिए. ये काम जिला स्तर पर ही प्रभावी फैसले लेने का आधार होना चाहिए. 

चीफ सेक्रेटरीज को लिखे खत में बेड क्षमता को बढ़ाने को कहा गया है. इसके अलावा लॉजिस्टिक, बीमारों को लाने ले जाने की व्यवस्था करना, ऑक्सीजन उपकरणों की उपलब्धता, दवाओं के बफर स्टॉक रखने को कहा गया है.

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