अखबार बेचकर कोई अब्दुल कलाम बन सकता है और कोई…- राजनाथ सिंह

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पुणे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कोई अरबपति होकर भी मोस्‍ट वांटेड ओसामा बिन लादेन बन सकता है तो कोई अखबार बेचकर कोई अब्दुल कलाम बन सकता है

न्यूज़ जंगल नेटवर्क, कानपुर : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कोई अरबपति होकर भी मोस्‍ट वांटेड ओसामा बिन लादेन बन सकता है तो कोई अखबार बेचकर डॉ अब्‍दुल कलाम बन सकता है. किसी भी देश का भविष्य उसके युवाओं पर निर्भर करता है क्योंकि वे इसकी सबसे बड़ी ताकत और उत्प्रेरक और परिवर्तन का स्रोत हैं. डॉ. डी वाई पाटिल विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में शुक्रवार को बोल रहे थे. पुणे में ही एक अन्य कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

उन्होंने प्रसिद्ध स्तंभकार थॉमस फ्रीडमैन द्वारा लिखे गए एक लेख का भी उल्‍लेख किया. इस लेख में आतंकवादी संगठन अल-कायदा  और भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के बीच समानांतर चित्रण किया गया था कि दोनों के पास एक मिशन और प्रतिबद्धता के साथ काम करने वाले शिक्षित युवा हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि अल-कायदा से जुड़े युवा जहां हत्याओं में शामिल हैं, वहीं इंफोसिस की टीम मानवता की भलाई के लिए काम करती हैं.

अमेरिका में कठिन पायलट प्रशिक्षण लेकर युवाओं ने आतंकी हमला किया 

राजनाथ सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि प्रत्येक समाज और राष्ट्र की अपनी मूल प्रकृति होती है और केवल विकास करके ही वह आगे बढ़ सकता है. आपने दुनिया में (इसके) कई उदाहरण देखे होंगे. आपने दुनिया का सबसे विकसित देश अमेरिका भी देखा होगा. कठिन पायलट प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में एक विमान उड़ाया, जिसके कारण 9/11 के हमला किया गया. बहुत कुछ पढ़ने-लिखने के बाद भी, अमेरिका में एक प्रशिक्षित पायलट होने के नाते, खालिद शेख या मोहम्मद अट्टा (9/11 के हमलों के लिए जिम्मेदार) बन सकता है, और अरबपति होने के बावजूद, ओसामा बिन लादेन बन सकता है. लेकिन तमाम संघर्षों के बावजूद अखबार विक्रेता बनकर एपीजे अब्दुल कलाम (प्रसिद्ध वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति) बन सकते हैं.

भारत में भी कई आतंकी हमलों में शामिल युवा शिक्षित 

भारत में, सिर्फ एक नहीं, बल्कि कई घटनाओं में, आतंकवादी घटनाओं में शामिल युवा शिक्षित थे. शिक्षित युवाओं को शामिल करने वाली आतंकवादी घटनाओं के कई उदाहरण है. अपने जीवन में कभी भी अपना संतुलन नहीं खोना चाहिए. संतुलन को हमें अपना संस्कार बनाकर रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ युवा शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने मार्ग से भटक जाते हैं.

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