नई जनगणना में बोतलबंद पानी से स्मार्टफोन तक की जानकारी मांगी जा सकती है

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 कोविड-19 के कारण देश में 2021 की जनगणना को रोकना पड़ा था. जब 2021 की जनगणना फिर से शुरू होगी, तो लोगों को कुछ नए सवालों का सामना करना पड़ सकता है. इन सवालों में शामिल हो सकता है कि क्या आपके घर में बोतलबंद पानी पीने के पानी का मुख्य स्रोत है? क्या आपकी रसोई में एलपीजी या पीएनजी कनेक्शन है? घर में कितने स्मार्टफोन या डीटीएच कनेक्शन हैं? आपके परिवार में उपभोग किया जाने वाला मुख्य अनाज क्या है?

News Jungal Desk : देश में 2021 की जनगणना (Census 2021) को कोविड-19 (Covid) महामारी के कारण रोकना पड़ा था ।  देश में आबादी का डेटा जुटाने की इस नियमित कवायद को फिर से शुरू करने के लिए भी एक अधिसूचना का जारी किया जाना बाकी है । फिलहाल जब 2021 की देरी से होने वाली जनगणना आखिरकार फिर से शुरू हो जाएगी, तो लोगों का पाला कुछ नए तरह के सवालों से भी पड़ सकता है । और ‘ इन सवालों में शामिल हो सकता है कि क्या पैकेज्ड या बोतलबंद पानी आपके घर में पीने के पानी के मुख्य स्रोतों में से एक है? और क्या आपकी रसोई में एलपीजी या पीएनजी कनेक्शन है? घर में कितने स्मार्टफोन या डीटीएच कनेक्शन हैं? आपके परिवार में उपभोग किया जाने वाला मुख्य अनाज क्या है?

ये कुछ नए सवाल हैं जिन पर नई जनगणना में डेटा जुटाया जाएगा । और अपनी स्थापना के 150 साल पूरे होने के मौके पर जनगणना ऑफिस को सोमवार को अपना नया –जनगणना भवन (Janganana Bhawan) मिला. नए ऑफिस का उद्घाटन गृह मंत्री अमित शाह ने किया है । अपनी 150वीं वर्षगांठ के मौके पर जनगणना कार्यालय ने एक नया प्रकाशन भी निकाला है. 1981 से भारतीय जनगणना पर एक ग्रंथ (A Treatise on Indian Censuses since 1981) को इस हफ्ते के शुरू में जारी किया गया था । और इस प्रकाशन में पिछले चार जनगणना कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी शामिल है । इसमें 2021 की जनगणना के लिए की जा रही तैयारियों पर एक अध्याय भी है. जिसमें पहली बार जुटाई जाने वाली जानकारी भी शामिल है. अन्य ताजा सवालों में यह भी शामिल है कि क्या “प्राकृतिक आपदाएं” परिवार में प्रवासन का एक कारण है ।

देश में हर घर की लिस्ट बनाने का काम जनगणना का पहला हिस्सा है और जनगणना वर्ष से पहले के साल में किया जाता है । और 1 अप्रैल, 2020 को घरों की सूची बनाने का काम शुरू होने ही वाला था । और तभी कोविड-19 महामारी का प्रकोप शुरू हो गया. मार्च 2020 में भारत में कोरोनावायरस के मामले सामने आने लगे और उस साल 24 मार्च को पूर्ण लॉकडाउन कर दिया गया. जिसके कारण जनगणना को रोक दिया गया. बहरहाल 2021 की जनगणना को भी एक डिजिटल रूप देने की कोशिश की जा रही है. हालांकि बाद में डेटा जुटाने करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के साथ-साथ पारंपरिक कागजी माध्यम का उपयोग करने का भी फैसला लिया गया है ।

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