


न्यूज़ जंगल डेस्क,कानपुर :नेपाल में आज हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.7 रही। नेपाल भूकंप केंद्र के मुताबिक, इन झटकों का केंद्र सिंधुपालचौक जिले में था। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इन झटकों के बाद अभी किसी भी प्रकार के नुकसान की कोई खबर नहीं आई है। बता दें कि दुनिया के कोने-कोने से आए दिन भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। कुछ दिन पहले इंडोनेशिया के बाली में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
आठ अक्टूबर को जापान में शक्तिशाली भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। अधिकारियों ने बताया था क पिछले दिन देश में आए शक्तिशाली भूकंप में 32 लोग घायल हो गए, जबकि टोक्यो क्षेत्र में ट्रेन सेवाएं भी बाधित हुईं, जिससे कुल 368,000 यात्री प्रभावित हुए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार,रात 10.41 बजे राजधानी क्षेत्र में यह भूकंप आया।
टोक्यो और सैतामा प्रान्त के कुछ हिस्सों में इस भूकंप की तीव्रता 7 तक पहुंच गई। पिछली बार जब मध्य टोक्यो में लोगों को इस तरह के एक तीव्र झटके का सामना करना पड़ा था, तब वो 11 मार्च, 2011 की तारीख थी, जब बड़े भूकंप ने पूर्वोत्तर जापान को तबाह कर दिया था और सुनामी में 18 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और करीब पांच लाख लोग विस्थापित हुए थे। त्रासदी को 10 साल हो गए हैं, लेकिन 40,000 लोग फुकुशिमा के आसपास अब भी घरों में लौट नहीं पाए हैं। 11 मार्च 2011 को जापान में रिक्टर स्केल पर 9 की तीव्रता वाला भूकंप रिकार्ड किया गया था।
भूकंप के आने की वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फाल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं, जिसके चलते भूकंप आता है।