न कोई हिंदू न कोई मुस्लिम, सिर्फ रंगों में रंगा नजर आता है इंसान

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Lucknow में होली पर पिछले 70 सालों से एक जुलूस निकलता है. यह अनोखी परंपरा गंगा जमुनी तहजीब की भी मिसाल है. इस जुलूस का स्वागत मुस्लिम लोग होलियारों को रंग लगाकर करते हैं और फिर वे भी जुलूस में शामिल हो जाते हैं ।

News Jungal desk : पिछले 70 सालों से नवाबों के शहर में एक अनोखी परंपरा चली आ रही है । और यह परंपरा गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल भी है । होली के दिन लखनऊ में चौक से लेकर अकबरी गेट तक एक जुलूस निकाला जाता है और जिसमें हिंदू-मुस्लिम सभी शामिल होते हैं. मुस्लिम लोग होलियारों को माला पहनाकर उनका स्वागत करते हैं । और फिर उन्हें मिठाई खिलाकर, हाथों से रंग भी लगाते हैं ।

यही नहीं, इसके बाद दूसरे मुस्लिम भी अपने-अपने घरों से निकलकर जुलूस में शामिल हो जाते हैं । और इस जुलूस में हाथी, घोड़े, ऊंट, ढोल-नगाड़े सब कुछ शामिल होता है । और यह अद्भुत नजारा लखनऊ में 8 मार्च को इस बार देखने के लिए मिलेगा. इस जुलूस में इस साल उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के साथ ही पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी शामिल होंगे. इसके अलावा लखनऊ की कई जानी-मानी हस्तियां भी इस जुलूस में शामिल होती हैं ।

कभी नहीं हुआ विवाद
इस जुलूस के आयोजक अनुराग मिश्रा ने बताया कि इस जुलूस में आज तक कभी भी कोई विवाद नहीं हुआ है । पुराना लखनऊ सबसे संवेदनशील इलाका माना जाता है । और होली के दिन जब भी जुलूस निकलता है जो कि लखनऊ की परंपरा है. इसमें क्या हिंदू क्या मुस्लिम सभी रंग खेलते हैं. मिलजुल कर होली मनाते हैं. इस साल भी यही नजारा होली पर देखने के लिए मिलेगा. जुलूस सुबह नौ बजे से दस के बीच में निकलता है और पूरे पुराने लखनऊ के सभी इलाकों से होता हुआ चौक में खून खून जी पर आकर खत्म होता है. इस जुलूस की शुरुआत चौक चौराहे से होती है ।

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