UP के सभी सरकारी अस्पतालों का नाम उर्दू में भी लिखा जाएगा

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बता दें कि भाषा विभाग की ओर से सात अक्टूबर 1989 को उर्दू को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिए जाने की अधिसूचना जारी की गई थी और 19 नवंबर 1990 को शासनादेस जारी किया गया था.

न्यूज जंगल डेस्क कानपुर : योगी आदित्यनाथ सरकार ने शुक्रवार को अहम आदेश जारी किया है. उत्तर प्रदेश में सरकारी अस्पतालों के नाम अब हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी लिखे जाएंगे. यूपी सरकार की ओर से जारी आदेश में साफ किया गया है कि प्रदेश में अब हिंदी के साथ उर्दू में भी अस्पतालों के नाम लिखे जाएंगे. सभी जिला अस्पतालों और सीएचसी- पीएचसी के भवनों के नाम हिंदी के साथ उर्दू में भी होंगे. स्वास्थ्य निदेशक की ओर से इस संबंध में सभी सीएमओ को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. सरकार की ओर से जारी आदेश में भवनों के नाम के साथ-साथ चिकित्सकों और कर्मचारियों के नाम और पदनाम भी हिंदी के साथ उर्दू में भी लिखने के निर्देश दिए गए हैं.

जारी आदेश में कहा गया है कि सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, जिला हॉस्पिटल, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के भवनों के नाम उर्दू में लिखवाए जाएं. यूपी सरकार में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निदेशक की ओर से प्रदेश के सभी जिलों के सीएमओ को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है. संयुक्त निदेशक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम, पदनाम भी उर्दू में लिखे जाएं. प्रदेश की द्वितीय राजभाषा उर्दू है. इसको लेकर यह आदेश शासन की ओर से जारी का गया है.

सभी CMO को निर्देश जारी

अब उत्तर प्रदेश के सभी 167 सरकारी जिला अस्पतालों, 873 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 2934 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का नाम हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी लिखा जाएगा. वहीं विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी अपनी नेम प्लेट पर हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी नाम लिखा जाएगा. बता दें कि भाषा विभाग की ओर से सात अक्टूबर 1989 को उर्दू को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिए जाने की अधिसूचना जारी की गई थी और 19 नवंबर 1990 को शासनादेस जारी किया गया था.

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