पूर्व बीजेपी विधायक के मर्डर की गुत्थी सुलझी,16 साल बाद मिला न्याय…

मामला 26 मार्च 2006 का है जब पूर्व विधायक मलखान सिंह की उनके घर के बाहर कुछ लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. मलखान सिंह का गनर, सुनील कुमार यादव भी मारा गया, और दो अन्य- मलखान सिंह के बहनोई प्रेम पाल सिंह और एक अन्य गनर सत्यबीर सिंह भी घायल हो गए थे. जांच के दौरान, पुलिस ने कहा कि हत्या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का नतीजा थी और अलीगढ़ के क्वार्सी पुलिस स्टेशन में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह गुड्डू सहित 19 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी ।

न्यूज जंगल क्राइम डेस्क : अलीगढ़ में एक पूर्व बीजेपी विधायक मलखान सिंह और उनके गनर की हत्या के लगभग 16 साल बाद बुलंदशहर की एक अदालत (Bulandshahar Court) ने एक पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सहित 15 लोगों को दोषी ठहराया है और उनमें से 14 को उम्रकैद की सजा सुनाई है । और इनमें से एक दोषी अदालत में पेश नहीं हुआ है । और इसलिए उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है । और इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahbad Highcourt) के निर्देश पर मामले की सुनवाई बुलंदशहर ट्रांसफर करी गई थी ।

मामला 26 मार्च 2006 का है जब पूर्व विधायक मलखान सिंह की उनके घर के बाहर कुछ लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दिया था और  मलखान सिंह का गनर सुनील कुमार यादव भी मारा गया था और दो अन्य – मलखान सिंह के बहनोई प्रेम पाल सिंह और एक अन्य गनर सत्यबीर सिंह भी घायल हो गए थे । और जांच के दौरान, पुलिस ने कहा कि हत्या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का नतीजा था और अलीगढ़ के क्वार्सी पुलिस स्टेशन में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह गुड्डू सहित 19 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करी गई थी ।

पुलिस ने बताया, ‘3 अभियुक्तों की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी । और जबकि एक अभी भी फरार है । और तेजवीर सिंह सहित 15 आरोपियों का मुकदमा पूरा हो चुका है । और कोर्ट ने 27 जनवरी को सभी आरोपियों को हत्या का दोषी करार दिया था । एक आरोपी सोनू गौतम को छोड़कर बाकी को हिरासत में ले लिया गया. गौतम कोर्ट में पेश नहीं हुए. अदालत ने पेशी से छूट की उनकी अर्जी खारिज करने के बाद उसके खिलाफ वारंट जारी किया था  कोर्ट ने कुल 32 गवाहों का परीक्षण कराया है ।

मलखान सिंह ने 1996 से 2002 तक इगलास विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था । और बाद में वे रालोद में शामिल हो गए थे । फैसले के बाद, मलखान सिंह के भाई दलबीर सिंह ने कहा, ‘मुख्य आरोपी तेजवीर सिंह ने यह दावा करके अदालत को गुमराह करने की कोशिश की कि वह घटना के समय जेल में मौजूद था। और जेल अधिकारी ने जांच की और पाया कि हत्या के समय जेल के अंदर उसकी उपस्थिति दिखाने के लिए झूठे दस्तावेज तैयार किए गए थे ।

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